नई दिल्ली। वायु सेना सभागार में रसद (लॉजिस्टिक्स) प्रबंधन पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आज गुरूवार को नई दिल्ली में आयोजन किया गया। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने इस संगोष्ठी का उद्घाटन किया और अपना प्रमुख भाषण दिया। उन्होंने अपने संबोधन में उन्नत डिजिटल तकनीकों का उपयोग करने की जरूरत पर जोर दिया, जो परिचालन की सहायता के लिए लॉजिस्टिक्स क्षमता को बनाए रखने में सहायता करेगा। वायु सेना प्रमुख ने आईएएफ के हितधारकों से राष्ट्रीय रसद नीति (एनएलपी) और भारत सरकार के आत्मनिर्भरता संबंधित लक्ष्यों के व्यापक उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करने का भी अनुरोध किया।
वहीं, इस संगोष्ठी में प्रमुख वक्ताओं और विषय के विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय रक्षा में एनएलपी और लॉजिस्टिक्स पर अपने विचारों को साझा किया। इसके अलावा उद्योग जगत के विख्यात सलाहकारों ने आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी। भारतीय वायु सेना के चुनिंदा लॉजिस्टिक्स परिचालकों ने ‘आईएएफ के युद्ध अभियानों और भविष्य की जरूरतों के लिए लॉजिस्टिक्स’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इन ‘वार्ताओं’ ने संगोष्ठी के प्रतिभागियों के बीच काफी रुचि उत्पन्न की, जिसका भारतीय वायु सेना के सभी इकाइयों में सीधा प्रसारण किया गया।
आईएएफ के लॉजिस्टिक्स के दर्शन पर ‘टेनेट्स ऑफ लॉजिस्टिक्स’ शीर्षक से एक दस्तावेज और आईएएफ में लॉजिस्टिक्स के इतिहास पर एक पुस्तक ‘फुटप्रिंट्स इन सैंड्स ऑफ टाइम’ शीर्षक से जारी की गई। आईएएफ में ‘टेनेट्स ऑफ लॉजिस्टिक्स’ रसद परिचालन की अवधारणा के संदर्भ में रसद प्रमाण, मुख्य कार्यात्मक क्षेत्रों, व्यावसायिक प्रक्रियाओं के संचालन के लिए तकनीक का लाभ उठाने और सहयोगी सेवाओं के साथ संयुक्तता की जरूरत को रेखांकित करता है।
Anil Kumar
Editor