उत्तराखंड में किसान होंगे मालामाल! रेशम कीट पालन के लिए समर्थन मूल्य जारी

Spread the love

उत्तराखंड सरकार द्वारा किसानों को पारंपरिक खेती के साथ ही अन्य संस्थानों के द्वारा आर्थिकी मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रही है। जिससे किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। वहीं उपनिदेशक रेशम विभाग हल्द्वानी द्वारा लोगों को रेशम उत्पादन के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है।

अगर आप रेशम उत्पादन से जुड़े किसान हैं तो खबर आपके लिए ये खबर जरूरी है। रेशम विभाग द्वारा रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों को किट उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे किसान शहतूत रेशम कोया का उत्पादन कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके। सरकार द्वारा रेशम कोया का समर्थन मूल्य भी जारी किया गया है जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। उपनिदेशक रेशम विभाग हल्द्वानी हेमचंद्र ने बताया कि शहतूत रेशम के लिए सितंबर का महीना अनुकूल होता है। ऐसे में रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों को किट वितरण का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि रेशम उत्पादन से जुड़े कुमाऊं मंडल के करीब 2800 किसानों को किट वितरण का कार्य चल रहा है। जहां काश्तकारों को 92 हजार 900 डीएलएफ किट उपलब्ध कराया जाना है। इस वर्ष मानसून सीजन में 41 हजार 800 सौ किलो रेशम कोया उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इस वर्ष बसंत ऋतु में जहां 49 हजार 186 सौ किलो रेशम कोया का उत्पादन हुआ। वहीं साल 2022 में 87 हजार 199 किलो कोया का उत्पादन किया गया था। उन्होंने बताया कि रेशम कोया का सरकार द्वारा समर्थन मूल्य घोषित किया गया है जहां ए ग्रेड के लिए ₹380, बी ग्रेड 355, सी ग्रेड 255, जबकि डी ग्रेड का दाम ₹230 निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक दाम खुले बाजार में मिल जाता है। ऐसे में किसान खुले बाजार में बेचकर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. रेशम कोया को खुले बाजार में अधिक कीमत पर बेचने को लेकर विभाग द्वारा किसानों की मदद भी की जाती है। खुले बाजार में रेशम कोया नहीं बिकने की स्थिति में विभाग द्वारा किसानों से रेशम कोया समर्थन मूल्य के दर से खरीद करता है।