मुंबई. भारत में सड़कों का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है. बड़े शहरों के अलावा छोटे शहरों और कस्बों की कनेक्टिविटी पर काम चल रहा है. यही वजह है कि अब जल्द ही दिल्ली से मुम्बई कार से पहुंचना आसान हो जाएगा. इसके पहले चरण का उद्घाटन 4 फरवरी को होने जा रहा है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4 फरवरी को दौसा जाने की संभावना है.
हरियाणा के सोहना से राजस्थान का दौसा दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेसवे का पहला खंड है. इसकी लम्बाई 225 किलोमीटर है, जबकि देश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे दिल्ली से मुम्बई की दूरी लगभग 1350 किलोमीटर है. 2024 में एक्सप्रेसवे के तैयार होने के बाद कार से महज 12 घण्टे में दिल्ली से मुम्बई का सफर तय हो सकेगा. फिलहाल इस दूरी को तय करने में लगभग 24 घण्टे लगते हैं.
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे की आधारशिला 2019 में रखी गई थी. इसके निर्माण में 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल होगा जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है. साथ ही इसमें 35 करोड़ क्यूबिक मीटर मिट्टी और 80 लाख टन सीमेंट का इस्तेमाल होगा. इसके निर्माण पर करीब एक लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.
Covering a distance of 1,450 km, the Delhi-Mumbai Expressway is a true example of world-class highway construction.
Lessening the travel time by half, it accelerates economical exercises in two major cities.#PragatiKaHighway #GatiShakti pic.twitter.com/cfRg6EsrTo
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) January 30, 2023
ये एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल है. इसका मतलब है कि हाईवे के बीच में एक तरफ से दूसरी तरफ किसी की आवाजाही नहीं हो सकेगी. एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद फ्यूल की खपत में 32 करोड़ लीटर की कमी भी आएगी. हाईवे पर हर 500 मीटर पर रेन वॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम होगा. साथ ही एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ 40 लाख पेड़ लगाए जाने की योजना है.