नई दिल्ली। शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने आज वर्चुअल तौर पर अटल नवाचार संस्थान उपलब्धि रैंकिंग (एआरआईआईए) 2021 की घोषणा की। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे, अतिरिक्त सचिव राकेश रंजन, शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के चीफ इनोवेशन ऑफिसर डॉ. अभय जेरे और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल के इनोवेशन डायरेक्टर डॉ. मोहित गंभीर भी एआरआईआईए रैंकिंग जारी करने के दौरान उपस्थित थे। इस अवसर पर, डॉ. सरकार ने कहा कि एआरआईआईए रैंकिंग निश्चित रूप से भारतीय संस्थानों को अपने परिसरों में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी मानसिकता को फिर से उन्मुख करने तथा इको-सिस्टम का निर्माण करने के लिए प्रेरित करेगी। वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के लिए नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए, डॉ. सरकार ने कहा कि संस्थान को नवाचारों और अनुसंधान की गुणवत्ता पर उसकी मात्रा की तुलना में अधिक ध्यान देना चाहिए। यह हमें सही मायने में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा। डॉ. सरकार ने कहा कि ‘नवाचार पर जोर’ हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनी हाल की काशी यात्रा के दौरान लिए गए तीन संकल्पों में से एक है। अन्य दो संकल्प स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत के लिए हैं। इन सभी 3 संकल्पों को ध्यान में रखते हुए, इनोवेशन ही उनकी पूर्ति का एकमात्र मार्ग है। इसलिए, हमें अपने शैक्षणिक संस्थानों के भीतर नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की जरूरत है और एआरआईआईए उस दिशा में एक प्रमुख पहल है। कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी उच्च शिक्षा प्रणालियों में से एक है। उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए भारतीय नवाचार और स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को आगे बढ़ाने में प्रवर्तक की भूमिका निभाने के पर्याप्त अवसर हैं। डॉ. सरकार ने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल द्वारा एआरआईआईए और इसके दो संस्करणों की सफलतापूर्वक योजना बनाने तथा कार्यान्वित करने में किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एआरआईआईए के चौथे संस्करण का भी शुभारंभ किया और सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से इसमें भाग लेने का आग्रह किया। प्रो. सहस्रबुद्धे ने कहा कि राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय दोनों संदर्भों को ध्यान में रखते हुए एआरआईआईए के माध्यम से डिजाइन किए गए नवाचार और उद्यमिता रैंकिंग पहल का स्वदेशी संस्करण न केवल हमारे उच्च शिक्षण संस्थानों को उनके प्रयासों का प्रदर्शन करने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें संस्थान के स्तर पर भारत को विश्व रैंकिंग में और ऊपर ले जाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने में भी मदद करेगा। अपर सचिव श्री रंजन ने कहा कि एआरआईआईए ने हमारे संस्थानों के लिए एक स्वर और दिशा निर्धारित की है। यह उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी और नवाचार तथा उद्यमिता में अग्रणी बनाने में मदद करेगा। श्री रंजन ने आईएनएफएलआईबीएनईटी (इनफ्लिबनेट) के साथ सभी सहयोगी संस्थानों के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने इस रैंकिंग ढांचे को मजबूत और बेहद सफल बनाने के लिए अथक प्रयास किया।
Anil Kumar
Editor