दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के चुनाव परिणाम आ रहे हैं। इसमें आम आदमी पार्टी इस पर काबिज होती हुई दीख रही है। क्या आपको मालूम है कि इन चुनावों में जीतने वाले 250 काउंसलर्स कहां बैठेंगे। वो खास बिल्डिंग कौन सी है, जो दिल्ली के नगर निगम से संबंधित कामकाज को देखती है। ये बहुत खास इमारत है। जानिए इसके बारे में।
दिल्ली में एमसीडी चुनावों के बाद अब रिजल्ट आ रहे हैं। एमसीडी का मतलब है म्युनिशिपल कार्पोरेशन ऑफ दिल्ली. जिसे दिल्ली नगर निगम भी कहा जाता है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि 250 सदस्यीय दिल्ली नगर निगम के चुनावों के बाद इसके पार्षद किस बिल्डिंग में बैठेंगे। वो कौन सी बिल्डिंग है, जहां से दिल्ली का कामकाज देखा जाता है।
एमसीडी का मुख्यालय 28 मंजिला इमारत में है। ये नई इमारत है, जिसे कुछ ही सालों पहले 500-650 करोड़ की लागत से बनाया गया है। ये बिल्डिंग देखने में बहुत खास लगती है। इसका डिजाइन आर्किटैक्ट शिरीष मालपानी ने तैयार किया है। वह दिल्ली के स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटैक्चर के विजिटिंग फैकल्टी भी हैं। ये इमारत बहुत बड़ी है और बहुत शानदार है।
जब दिल्ली में रेलवे स्टेशन की ओर जा रहे हों तो पहाड़गंज या आरटीओ से ये ऊंची इमारत अलग ही नजर आती है। इसकी सालाना मैंटीनेंस पर ही 8.33 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। 28 मंजिला ये बिल्डिंग पांच ब्लाक्स में बंटी हुई है। ये कुल 1,16,000 स्क्वेयर मीटर में फैली है। इसके एक दो नहीं बल्कि तीन भूतल पार्किंग सुविधाएं हैं। इन तीन भूतल पार्किंग स्पेस में 2500 कारें एक साथ खड़ी हो सकती हैं। इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि ये बिल्डिंग कितनी लंबी चौड़ी होगी। इसके 07 एंट्री और एक्जिट गेट हैं।
मूल तौर पर ये खास बिल्डिंग आसफ अली रोड पर है। इसे एमसीडी सिविक सेंटर के तौर पर भी जानते हैं। एमसीडी के चुनावों में जो 250 पार्षद जीतेंगे, वो यहीं बैठेंगे। यहीं उनकी मीटिंग होगी। इस बिल्डिंग 90 के दशक की शुरुआत में बनाना शुरू किया गया। लक्ष्य ये था कि इसे 90 के दशक के बीच तक तैयार कर लिया जाएगा। लेकिन ऐसा हुआ नहीं बल्कि इसमें 15 सालों की देर हुई। वर्ष 2010 में जाकर इसका उद्घाटन हो पाया।
एमसीडी बिल्डिंग में 08 एस्केलटर्स हैं तो 43 पैसेंजर और सर्विस एलेवेटर्स. इससे पहले दिल्ली नगर निगम का आफिस चांदनी चौक के दिल्ली टाउन हाल से चलता था लेकिन इस बिल्डिंग के पूरा बनने के बाद अब दिल्ली में नगर पालिका से संबंधित सारा काम यहां से होता है।
दिल्ली नगर निगम ऐसी संस्था भी है जो दिल्ली के तहत आने वाले नौ जिलों के कामकाज को देखती है। वैसे आपको ये भी बता दें कि दिल्ली में तीन स्थानीय निकाय हैं। एमसीडी सबसे बड़ा निकाय है तो इसके अलावा नई दिल्ली नगर पालिका और दिल्ली छावनी बोर्ड भी हैं। वैसे आपको ये भी बता दें कि दिल्ली नगर निगम विश्व का सबसे बड़ा नगर पालिका संगठन है, जो कि 137.80 लाख नागरिकों को सेवाएं देता है। क्षेत्रफल के लिहाज से इससे बड़ा स्थानीय निकाय तो केवल टोक्यो ही है, जिसके तहत 1379 किलोमीटर का क्षेत्र आता है।
एमसीडी की स्थापना 07 अप्रैल 1958 को हुई। हालांकि समय समय पर इसमें कई बदलाव भी हुए। इसे बांटा भी गया, फिर एक कर दिया गया।