नैनीताल: सौ साल से भी ज़्यादा समय से भूस्खलन से खस्ताहाल है बालियानाला,अब खुल सकता है किस्मत का ताला, 208.12 करोड़ की राशि से होगा परमानेंट ट्रीटमेंट!

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नैनीताल नगर के लिए नासूर बन चुके बलियानाले के लिए नये साल के साथ ही नई सुबह आने की उम्मीद जगी है। तकरीबन डेढ़ सौ साल भी दरक रहे बलियानाले के ट्रीटमेंट के लिए शासन की ओर से 208.12 करोड़ रूपए की राशि ओर घोषणा कर दी है। साथ ही मुख्य सचिव ने इसका पूर्ण उपचार दो वर्ष के भीतर पूरा करने के निर्देश भी दिये हैं। लगातार खिसक रही इस पहाड़ी के ट्रीटमेंट पर अब तक करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल पाया। बलियानाला क्षेत्र में भूस्खलन का इतिहास लगभग 155 साल पुराना है लेकिन बीते वर्षों में यह बहुत ज्यादा बढ़ गया है। नैनीताल शहर सहित नैनी झील के लिए यह एक बड़ा खतरा बन चुका है। नैनीताल की जड़ में स्थित इसी पहाड़ी की तलहटी से होकर नैनीझील का अतिरिक्त पानी ज्योलीकोट की ओर जाता है।

मण्डलायुक्त ने कैम्प कार्यालय, हल्द्वानी से मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की अध्यक्षता में आयोजित आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रतिभाग किया। वीसी में राज्य आपदा मोचन निधि और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत कुमाऊँ मण्डल के विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में 208.12 करोड़ की लागत के बलियानाला ट्रीटमेंट कार्य को सहमति प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने योजना पूर्ण होने की प्रस्तावित समय 4 साल को घटा कर 2 साल में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य 2 अथवा 3 शिफ्ट में युद्ध स्तर पर किया जाए। जो कार्य समानांतर शुरू किए जा सकते हैं, किए जाएं, एवं टेंडर भी तुरंत जारी किए जाएं।

•  मुख्य सचिव ने मण्डलायुक्त दीपक रावत को इस कार्य में पर्यटन की संभावना को तलाशते हुए पर्यटन से जोड़े जाने की बात कही। कहा कि बलियानाला क्षेत्र को आकर्षक पर्यटन स्पॉट में विकसित किया जाए। वीसी के दौरान रुपये 1020.09 लाख की लागत के नैनीताल में डीएसबी कॉलेज बालिका छात्रावास और ठंडी सड़क के भूस्खलन की रोकथाम कार्य, रुपए 750 लाख की लागत से खैरना गरमपानी कार्य को भी सहमति प्रदान की गई।

 • वीसी में अल्मोड़ा की ग्राम सभा तड़कोट में रुपये 68.02 लाख की लागत से जोड़े जाने वाले मुख्य मार्ग में भूस्खलन से आबादी को उत्पन्न खतरे को रोकने हेतु सुरक्षा कार्य, धारचूला के ग्वालगांव क्षेत्र (ऐलधारा) में रुपये 01 करोड़ की लागत से किये जाने वाले सुरक्षात्मक कार्य को भी सहमति प्रदान की गई।

 • मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को प्रदेश में मानसून काल के दौरान विभिन्न जनपदों और रेखीय विभागों को दी जाने वाली राशि उपलब्ध कराने में उदारवादी होने की बात कही। साथ ही निर्देश दिए कि विभागों को टारगेट दिए जाएं ताकि तेजी से कार्य पूर्ण किए जा सकें, इससे आमजन की समस्याओं का तेजी से निस्तारण किया जा सकेगा। बैठक में 15.0 करोड़ की लागत से आपदा के त्वरित प्रतिवादन हेतु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आईआरएस सिस्टम और सॉफ्टवेयर विकास कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने इसमें आईटीडीए को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।

बलियानाले में वर्ष 1867 में सबसे पहले भूस्खलन का रिकॉर्ड उपलब्ध है। उसके बाद वर्ष 1889 में हुए भूस्खलन में बीरभट्टी-ज्योलीकोट रोड ध्वस्त हो गई थी। इसी वर्ष यहां से कैलाखान की से भी भूस्खलन हुआ। बाद में 17 अगस्त 1898 के भूस्खलन में यहां 27 लोगों की जान चली गई और यहां स्थित प्रसिद्ध बियर फैक्ट्री भी तबाह हो गई। बीसवीं सदी में वर्ष 1924 में यहां फिर से भारी भूस्खलन हुआ जिसमें एक स्थानीय महिला व दो पर्यटक मारे गए साथ ही यहां स्थित एक रेस्टोरेंट, कुछ दुकानें, पुलिस चेक पोस्ट सहित राज्यपाल का गैराज भी ध्वस्त हो गए।

वर्षों से हो रहे इस भूस्खलन से हरिनगर समेत आसपास का पूरा क्षेत्र खतरे की जद में है लेकिन अब यह नगर की ओर भी बढ़ने लगा है। 2018 में जिला प्रशासन ने इसके उपचार के लिए जायका योजना के तहत 620 करोड़ की योजना बनाई थी लेकिन वह धरातल पर नहीं उतर पाई। जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र भी 2014 में 28 परिवारों को, 2016 में 25 परिवारों को 2019 में 45 परिवारों को वर्ष 2019 में अन्यत्र शिफ्ट किया था। 2022 में 55 परिवारों को आवास खाली करने के नोटिस दिए गये।

दो अरब से अधिक राशि से किये जाने वाले बलियानाले के उपचार में सबसे पहले इसके ठीक ऊपर स्थित शहीद मेजर राजेश अधिकारी राजकीय इंटर कॉलेज को भी अब नई राह के निर्माण के लिए शहीद होना पड़ेगा। इसे ध्वस्त कर इस भूमि के ऊपर से बीर भट्टी, कृष्णापुर जाने वाले नये मार्ग का निर्माण किया जायगा। बता दें कि कॉलेज के नीचे से जाने वाला यह मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल ने बताया कि इस विद्यालय के विद्यार्थियों को सी आरएसटी या जीजीआईसी में शिफ्ट किया जायगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से वार्ता में यह निर्णय लिया जा चुका है।

आम के आम और गुठलियों के दाम की तर्ज पर दो अरब रूपए की राशि से बालियानाल के उपचार में इसके नीचे से रिस रहे पानी को लिफ्ट कर के नैनीताल लाया जाना भी शामिल है। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्बयाल की पहल पर प्रोजेक्ट में अंतिम समय पर इस प्रस्ताव को भी शामिल किया गया था। इसके तहत इस पानी को पम्प करके राजभवन के निकट बनने वाले टैंक में जमा किया जायगा जहां से तल्लीताल व एरीज क्षेत्रों में इसकी आपूर्ति की जायगी। इससे नैनीझील पर भी दबाव कम होगा और इसका जलस्तर बेहतर बना रह सकेगा।