स्पाइसजेट के कारोबार में आई 10 फीसदी की गिरावट, जाने नुकसान की 5 अहम बातें

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एयरलाइन SpiceJet पिछले कुछ वक्त से मुश्किलों में फंसा हुआ है. कई हफ्तों से उड़ानों के दौरान सामने आ रही समस्याओं के बाद एयरलाइन के खिलाफ DGCA यानी विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय ने बुधवार को एक्शन लिया है और इस एयरलाइन के मौजूदा स्वीकृत उड़ानों में से 50 फीसदी उड़ानों पर रोक लगा दी. इसका असर गुरुवार को शेयर बाजार में दिखा. स्पाइसजेट के शेयर आज के कारोबार में करीब 10 फीसदी तक गिर गए. दोपहर 2.25 के आसपास शेयर 1.50 अंक या 3.97% गिरकर 36.30 रुपये प्रति शेयर की वैल्यू पर ट्रेड कर रहे थे. स्पाइसजेट पर आरोप, विवाद और डीजीसीए के एक्शन के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं-

5 बिंदुओं में समझें
1. स्पाइसजेट के साथ क्या गड़बड़ियां आ रही थीं? : 2 जुलाई को जबलपुर जा रही उड़ान के चालक दल के सदस्यों ने करीब 5,000 फुट की ऊंचाई पर केबिन में धुआं देखा, जिसके बाद फ्लाइट दिल्ली लौट आई. 5 जुलाई को चीन के चोंगकिंग शहर जा रहा स्पाइसजेट का मालवाहक विमान मौसम रडार प्रणाली के काम न करने के कारण कोलकाता लौटा. इसी दिन फ्यूल इंडिकेटर में खराबी के कारण स्पाइसजेट की दिल्ली-दुबई उड़ान को कराची की ओर मोड़ा गया जबकि स्पाइसजेट के Q-400 विमान को 23,000 फुट की ऊंचाई पर विंडशील्ड में दरार आने के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर प्राथमिकता के आधार पर उतारा गया.

2. तकनीकी खराबी :19 जून से लेकर 5 जुलाई के बीच स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम आठ घटनाएं हुईं. इसके बाद 6 जुलाई को डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

3. DGCA ने की जांच : नियामक ने कहा कि उसने पिछले साल सितंबर में एयरलाइन का वित्तीय ऑडिट किया था और पाया था कि वह पैसा आने के आधार पर कम कर रहा है तथा आपूर्तिकर्ता एवं वेंडर को नियमित आधार पर भुगतान नहीं किया जा रहा है जिससे कुछ पूर्जों की कमी हो गई. उसने कहा कि एयरलाइन में आतंरिक सुरक्षा की स्थिति खराब है और रखरखाव भी पर्याप्त रूप से नहीं किया जा रहा है.

4. लिया गया एक्शन : डीजीसीए ने बुधवार को कहा कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी पर सीमित की जाती है. इन आठ हफ्तों के दौरान बजट एयरलाइन पर नियामक कड़ी निगरानी रखेगा. आदेश के तहत एयरलाइन अगले आठ हफ्तों के लिए 2096 उड़ानों से ज्यादा का संचालन नहीं कर सकती.

5. एयरलाइन ने क्या कहा है: एयरलाइन ने कहा कि उसे डीजीसीए का आदेश मिल गया है और वह इसका पालन करेगा. हालांकि, एयरलाइन ने कहा है कि नियामक के आदेश की वजह से उसकी किसी भी उड़ान को रद्द नहीं होगी, क्योंकि वो पहले ही मौजूदा ‘लीन ट्रैवल सीज़न’ (यात्रियों की संख्या कम होने) की वजह से सीमित संख्या में अपनी सेवा का संचालन कर रही है.