सरकार पर कांग्रेस के इस नेता ने साधा एसे निशाना कि सरकार के पास नहीं कोई जवाब।

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खनन पर कैग की रिपोर्ट में हुए सैकड़ों करोड़ रुपये के अवैध खनन के खुलासे, अवैध खनन वालों से पांच गुना वसूली के प्रस्ताव पर धामी कैबिनेट का उप समिति का गठन का निर्णय और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी का मालन नदी पर पुल गिरने पर खनन माफिया पर आरोप यह सब साबित कर रहा है कि आज सरकार खनन माफिया के चुंगल में है और सरकार व सत्ताधारी दल के नेताओं का वरदहस्त खनन माफिया के ऊपर है, यह आरोप आज एआईसीसी सदस्य व  उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में लगाये। उन्होंने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि कायदे में तो सरकार को कैग की रिपोर्ट आते ही इस बात की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए थी कि कैसे सैंतीस हज़ार फर्जी नम्बरों के वाहनों में अवैध रूप से खनन का लदान व ढुलान करवाया गया और किन लोगों ने यह काम करवाया और कैसे यह अवैध खनन सामग्री सरकारी कामों में इस्तेमाल की गई और फिर दोषी ठेकेदारों , अफसरों पर कार्यवाही होनी चाहिए थी लेकिन क्योंकि इस सब को सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री मंत्रीगणों व सत्ताधारी दल के विधायकों व बड़े नेताओं का संरक्षण प्राप्त था इसलिए कोई जांच नहीं की गई और अब हद तो यह हो गयी कि उक्त चोरी को केवल जुर्माना वसूल कर सारे मामले को ही रफा दफा करने के लिए बाकायदा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट यह निर्णय ले रही है कि कितना जुर्माना वसूल किया जाय उसके लिए उप समिति बना कर निर्णय लिया जाएगा। धस्माना ने कहा कि इससे बड़ा चोरी और ऊपर से सीना जोरी का उदाहरण देश में नहीं मिल सकता।   धस्माना ने कहा कि कैग की रिपोर्ट में 2017-18 से शुरू हुए इस गोरख धंधे को 2021 तक कि रिपोर्ट में सैकड़ों करोड़ के खनन राजस्व की चोरी का खुलासा करते हुए बताया है कि किस प्रकार फर्जी नम्बरों की गाड़ियां खनन लदान व ढुलान में दर्शायी गयी हैं जिएं कई गाड़ियों के नम्बर तो ई रिक्शा, स्कूटर, एम्बुलेंस व टैक्सियों के निकले। श्री धस्माना ने आरोप लगाया कि यह घोटाला आज भी राज्य भर में बदस्तूर जारी है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण पुलों के सेफ्टी ऑडिट की रिपोर्ट है जिसमें पिछले साल तक राज्य भर में खनन के कारण खतरे में आये 35 पुलों की संख्या अब 86 हो गयी है। धस्माना ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस लगातार सरकार के संरक्षण में हो रहे इस अवैध खनन के खिलाफ संघर्ष कर रही है और भविष्य में भी सड़क से सदन तक इस मुद्दे को ठंडा नहीं पड़ने देगी।