गुजरात चुनाव में भी दागदार प्रत्याशियों को मिला टिकट, 30 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज है आपराधिक मामलें…. पढ़े ये रिपोर्ट

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नई दिल्ली: गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी पार्टियां जुटी हुई हैं. इसी कड़ी में पहली बार गुजरात में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने आपराधिक छवि के उम्मीदवारों को टिकट देने में गुरेज नहीं किया है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के 30 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज है. गुजरात इलेक्शन वॉच और एडीआर ने दूसरे चरण के 93 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे सभी 833 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है.

दूसरे चरण के 163 उम्मीदवारों ने आपराधिक मामले की दी जानकारी
93 निर्वाचन क्षेत्रों में से कम से कम 19 विधानसभा सीट रेड अलर्ट निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां तीन या अधिक उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 दिसंबर को होने वाले चुनाव में 163 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है. बता दें कि 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में, कुल 822 उम्मीदवारों में से 101 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की थी.

आम आदमी पार्टी के 29 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज
इसके अलावा, इस बार 92 उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है, जबकि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 64 उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की थी. प्रमुख दलों में कांग्रेस के 90 उम्मीदवारों में से 29, आम आदमी पार्टी के 93 उम्मीदवारों में से 29 और भाजपा के 93 उम्मीदवारों में से 18 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.

AAP के 17 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले
रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस से 10, आम आदमी पार्टी से 17 और बीजेपी से 14 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा, 9 उम्मीदवारों के खिलाफ बलात्कार और महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े केस चल रहे हैं. दो उम्मीदवारों ने हत्या से संबंधित मामलों की घोषणा की है और आठ ने हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा-307) से संबंधित मामलों की घोषणा की है.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का राजनीतिक दलों पर नहीं पड़ा प्रभाव!
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में उम्मीदवारों के चयन में राजनीतिक दलों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है, क्योंकि उन्होंने फिर से आपराधिक मामलों वाले लगभग 20 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट देने की अपनी पुरानी प्रथा का पालन किया है. गुजरात विधानसभा के दूसरे चरण चुनाव में लड़ने वाली सभी प्रमुख पार्टियों ने 19 से 33 फीसदी उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिन्होंने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों से पूछा था सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 के अपने निर्देश में राजनीतिक दलों को विशेष रूप से निर्देश दिया था कि वे इस तरह के चयन के लिए कारण बताएं और बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवारों के रूप में क्यों नहीं चुना जा सकता है. वहीं दूसरे चरण के चुनाव में कम से कम 245 (29 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि 2017 में करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 199 (24 प्रतिशत) थी.

दूसरे चरण के चुनाव में 69 (8 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं, जबकि साल 2017 में 61 महिला उम्मीदवार थी. एडीआर ने पिछली रिपोर्ट में कहा था कि 1 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण में, लगभग 21 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, और उनमें से ज्यादातर आप के हैं.