कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले किसानों को सीएम धामी ने सम्मानित किया। निरंजनपुर स्थित नवीन मंडी में आयोजित ‘किसान सम्मान एवं लाभार्थी योजना’ कार्यक्रम में काफी संख्या में किसानों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान सीएम धामी ने कहा कि मंडी से जुड़े तमाम समस्याओं के समाधान को लेकर जो सुझाव मिले हैं, उन सुझाव का परीक्षण कर प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि कुआंवाला-डोईवाला मार्ग पर स्थित दण्डेश्वर मंदिर का सौंदर्यीकरण का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौधारोपण कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित भी किया। साथ ही किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 21वीं सदी का भारत पूरी दुनिया को दिशा दे रहा है। इसके साथ ही सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास की भावना से काम हो रहे हैं। सीएम धामी ने कहा ने पीएम मोदी की प्रेरणा से कृषि के क्षेत्र में तमाम रिसर्च के काम हो रहे हैं। इतना ही नहीं ‘वोकल फॉर लोकल’ को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी ‘एक जिला और दो उत्पाद’ पर काम किया जा रहा है. साल 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। जिससे प्रदेश के मोटे अनाजों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र देश की बैक बोन की तरह है। देश को मजबूती से आगे बढ़ाने में किसानों की एक महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। किसानों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से तमाम योजनाएं चलाई जा रही है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य में किसानों को 3 लाख और महिला स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख रुपए तक का बिना ब्याज का लोन दिया जा रहा है।
वहीं फार्म मशनरी बैंक के तहत 80 फीसदी तक की सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा एप्पल, कीवी, तेजपत्ता और तिमूर मिशन पर काम किए जा रहे हैं. साथ ही सगंध खेती को बढ़ावा देने के लिए 6 एरोमा वैली भी विकसित की जा रही है। काशीपुर में एरोमा पार्क बनाया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में कलस्टर आधारित खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी कड़ी में अगले एक साल में करीब 18 हजार पॉलीहाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे एक लाख लोगों का रोजगार उपलब्ध होगा। वहीं सीएम धामी ने कहा कि भारत इस साल G20 की अध्यक्षता कर रहा है। उत्तराखंड को G20 की तीन बैठकों को आयोजित करने का मौका मिला। हालांकि देश के 50 से ज्यादा शहरों में G20 की बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। इन बैठकों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के छोटे शहरों को नई पहचान मिली है।