केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुंदरवन में बीएसएफ के छह नए फ्लोटिंग बीओपी का किया उद्घाटन

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कोलकाता। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अपनी दो दिन की पश्चिम बंगाल यात्रा के पहले दिन आज गुरूवार को भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरवन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बनवाई गयी नर्मदा, सतलुज व कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों (BOP) का उद्घाटन किया। इस दौरान अमित शाह ने फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस को फ्लेग ऑफ किया और मैत्री संग्राहलय की आधारशिला रखी। साथ ही गृह मंत्री ने भारत-बांग्लादेश सीमा के हरिदासपुर BOP पर ‘सीमा प्रहरी सम्मेलन’ को संबोधित भी किया।
इस दौरान अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज पूरा देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इसका सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि हमारी सीमाएँ सुरक्षित हैं। कहा की बॉर्डर पर खड़ा बीएसएफ़ का जवान 24 घंटे देश की सेवा करता है। इसलिए देश की जनता चैन की नींद सो पाती हैं। वहीं भारत की सीमाओं के साथ छेड़खानी करने वालों का मुकाबला करते हुए हमारे अनेकानेक जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। इसी वीरता और समर्पण के कारण सीमा सुरक्षा बल को अब तक एक महावीर चक्र, 4 कीर्ति चक्र, 13 वीर चक्र और 13 शौर्य चक्र मिले हैं।
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार का मूल लक्ष्य देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को अभेद्य बनाना है। उन्होने कहा कि बीएसएफ़ के जवानों के परिश्रम, त्याग, बलिदान और शोर्य के साथ ही उन्हें आधुनिक तकनीक से लैस करने की जरूरत है और बॉर्डर सुरक्षा के लिए हम उसे दुनिया भर की आधुनिक से आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवा रहे हैं। इसी के तहत आज सतलुज, कावेरी और नर्मदा तीन फ्लोटिंग बीओपी राष्ट्र को समर्पित की गई हैं। जिनका निर्माण पीएम मोदी की आत्मनिर्भर भारत की कल्पना के अनुरूप कोच्चि शिपयार्ड ने किया है। एक बीओपी की लागत 38 करोड़ रुपये है और इसका वजन लगभग 53000 मेट्रिक टन है। सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों से लैस इन BOP के अगले हिस्से को हमारे जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है। साथ ही खाने पीने की भरपूर चीजों की व्यवस्था भी की गई है। यह बीओपी एक महीने तक पेट्रोल और डीजल लिए बगैर DG सेट के साथ तैरती रह सकती है। उन्होने कहा कि सुंदरवन बहुत संवेदनशील क्षेत्र है। एक बीओपी के साथ 6 छोटी बोट भी हैं और इसमें घुसपैठ और तस्करी दोनों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है।