प्रेरणादायक: परिवार ने जिसे जमीन पर त्यागा उसने आसमान अपने नाम किया पढ़िए एक किन्नर का पायलट बनने का सफ़र

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इंसान के मन में अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और ऊचाइयों को छूने की आग हो तो तमाम मुश्किलें भी उसके जुनून को उसके मकसद तक पहुंचने से नहीं रोक सकती और इंसान अपनी मंजिल तक जरूर पहुंचता हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया हैं केरल के एडम हैरी ने, 20 वर्षीय एडम ने देश का पहला ट्रांसजेंडर पायलट बनकर समाज को एक संदेश दिया है कि इंसान तमाम मुश्किलों के बावजूद भी हम भी कामयाबी हासिल कर सकते हैं।
भारत मे आज भले ही एलजीबीटीक्यू कम्युनिटी को कानूनी मान्यता मिल चुकी है लेकिन समाज आज भी इन्हें दिल से स्वीकार करने में हिचकता है। समाज तो दूर अपनी मां तक किन्नर औलाद से मुँह फेर लेती है। जिसके बाद समाज मे उपेक्षित ऐसे बच्चों को अपनी ज़िंदगी की लड़ाई अकेले ही लड़नी पड़ती है।
ऐसा ही कुछ एडम हैरी के साथ भी हुआ। केरल के थ्रिससुर के 20 वर्षीय एडम हैरी के परिजनों को पता चला कि एडम एक ट्रांसजेंडर है तो उन्होंने एडम को घर से निकाल दिया, और उससे सारे रिश्ते भी खत्म कर दिए। जिसके बाद एडम पूरी तरह अकेले हो गए। उन्होंने अपना संघर्ष जूस की दुकान पर काम करके शुरू किया। उन्होंने बचपन से पायलट बनने का सपना देखा था जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की। एडम ने सोशल जस्टिस विभाग से पढ़ाई करने के लिए मदद की गुहार लगाई। यहां उन्हें मदद मिली और उन्होंने एशियन एकेडमी जॉइन कर ली।केरल सरकार को जब एडम के बारे में पता चला तो राज्य सरकार के सामाजिक न्याय विभाग की ओर से एडम को 22.34 लाख रुपए की स्कॉलरशिप दी गयी। जिसके बाद अब एडम तिरुवनंतपुरम में राजीव गांधी अकेडमी फ़ॉर एविएशन टेक्नोलॉजी से कमर्शियल पायलट का तीन साल का कोर्स करेंगे।राज्य सरकार के सामाजिक न्याय विभाग की ओर से मिली इस मदद से एडम के सपनो को उड़ान मिली और वो कमर्शियल पायलट बने और इस बात को सिद्ध कर दिया की तमाम मुश्किलों के बावजूद भी इंसान कामयाबी हासिल कर सकते हैं।