ऐतिहासिक फैसला! केंद्र सरकार ने असम, नगालैंड व मणिपुर में अफस्पा कानून के क्षेत्र को सीमित करने का लिया फैसला, जानिए क्या होता अफस्पा कानून, इसमें सेना को क्या मिलती हैं स्पेशल पॉवर?

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज गुरूवार को उत्तर पूर्वी राज्यों की दृष्टि से बड़ा कदम उठाते हुए असम, नगालैंड व मणिपुर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (AFSPA) का क्षेत्र सीमित करने का फैसला किया हैं। यह फैसला 1 अप्रैल यानी शुक्रवार से लागू होगा। गौरतलब हो की उत्तर-पूर्व के राज्यों से इस कानून को हटाने के लिए लंबे समय से मांग हो रही थी।
इस दौरान गृह मंत्री ने कहा कि अफस्पा के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में कमी इन राज्यों में सुरक्षा की स्थिति में सुधार, तेजी से विकास व तमाम शांति समझौतों के कारण हो सकी है। उत्तर पूर्व में मोदी सरकार ने शांति बहाल की है।
बता दें की AFSPA के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 2015 में त्रिपुरा और 2018 में मेघालय से पूरी तरह से हटा दिया गया था।
वहीं 1990 से असम के पूरे इलाके में AFSPA लागू था। लेकिन अब 23 जिलों से इसे पूरी तरह हटा लिया गया है, सिर्फ एक जिले में ये लागू आंशिक रूप से लागू रहेगा।
वहीं अशांत क्षेत्र घोषणा 2004 से पूरे मणिपुर (इंफाल नगर पालिका क्षेत्र को छोड़कर) में लागू है। जिसके बाद अब एक अप्रैल 2022 से मणिपुर के 6 जिलों के 15 पुलिस थाना क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर रखा जाएगा।
वहीं 2015 में, अरुणाचल प्रदेश के 3 जिलों, 20 किलोमीटर में AFSPA लागू था। असम सीमा के साथ अरुणाचल प्रदेश की बेल्ट और राज्य के 9 अन्य जिलों में 16 पुलिस थाना क्षेत्रों में। इसे धीरे-धीरे कम किया गया है और अशांत क्षेत्र अधिसूचना, वर्तमान में केवल 3 जिलों में और अरुणाचल प्रदेश के 1 अन्य जिले में 2 पुलिस थाना क्षेत्रों में लागू है।
अशांत क्षेत्र अधिसूचना 1995 से पूरे नागालैंड में लागू है। केंद्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से अफस्पा को वापस लेने के लिए इस संदर्भ में गठित एक समिति की सिफारिश को स्वीकार कर लिया है। जिसके तहत 4 अप्रैल से नागालैंड के 7 जिलों के 15 पुलिस थानों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना वापस ली जा रही है।

AFSPA कानून हैं क्या और यह किसी भी राज्य में क्यों लगाया जाता है।

सबसे पहले जानिए क्या है AFSPA
सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (AFSPA) को 11 सितंबर 1958 में उपद्रवग्रस्त पूर्वोत्तर इलाके में सेना को कार्यवाही में मदद के लिए पारित किया गया था।

• आइए जानते हैं की किसी भी राज्य या क्षेत्र में यह कानून क्यों लागू किया जाता हैं- अफस्पा कानून किसी भी राज्य या क्षेत्र में तब लागू किया जाता है, जब राज्य या केंद्र सरकार उस क्षेत्र को ‘अशांत क्षेत्र कानून’ अर्थात डिस्टर्बड एरिया एक्ट (Disturbed Area Act) घोषित कर देती है। यह कानून जहा पर भी लागू होता है वहां सेना या सशस्त्र बल को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का अधिकार मिल जाता है।

क्या होता हैं ‘डिस्टर्ब’ एरिया
जब किसी भी क्षेत्र में भाषायी, नस्लीय,धार्मिक, क्षेत्रीय समूहों, जातियों की विभिन्नता के आधार पर समुदायों के बीच आपसी मतभेद बढ़ जाता है तो ऐसी स्थिति में केंद्र या राज्य सरकार अधिनियम की धारा (3) के तहत किसी भी क्षेत्र को ‘डिस्टर्ब’ एरिया’ में घोषित कर देती हैं। और ‘डिस्टर्ब’ एरिया’ घोषित करते ही वहां अफस्पा कानून प्रभावी हो जाता हैं और उस क्षेत्र में महीने तक सेना या सशस्त्र बल की तैनाती रहती है।

अफस्पा (AFSPA) कानून के अन्दर सेना को क्या अधिकार मिलते हैं आइए जानते हैं…
1- अफस्पा कानून लगते ही सेना को किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता हैं।
2- सशस्त्र बल या सेना बिना किसी वारंट के किसी भी घर की तलाशी ले सकती हैं, इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति अशांति फैलाते हुए बार बार कानून का उल्लंघन करता हैं तो सेना द्वारा मृत्यु तक बल का प्रयोग किया जा सकता है.
3- यदि सशस्त्र बलों या सेना को किसी घर या कहीं भी उपद्रवी या आतंकवादी छुपे होने का अंदेशा हो (जहां से हथियार बंद हमले का अंदेशा हो) तो उस स्थल या भवन को सेना द्वारा तबाह किया जा सकता है। इसके साथ ही यदि सुरक्षा बलों को किसी पर शक हो तो वह वाहन को रोक कर उसकी तलाशी भी ले सकती है।
4- अफ्सपा कानून में सशस्त्र बलों को एक बड़ा विशेषाधिकार यह मिलता है की उनके द्वारा गलत कार्यवाही करने पर भी, सशस्त्र बलों के ऊपर या खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नही की जाती है।

AFSPA कानून का विरोध
सुरक्षा बलों पर कई बार डिस्टर्बड एरिया एक्ट का दुरुपयोग करने का आरोप लग चुका है। क्योंकि इसमें किसी को भी केवल शक के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता है। यही कारण है कि इस कानून को हटाने की हमेशा मांग उठती रही हैं।

आखिर किन राज्यों में लागू है AFSPA कानून
AFSPA कानून असम, जम्‍मू कश्‍मीर, नागालैंड और इंफाल व मणिपुर में लागू है। साथ ही यह अरुणाचल प्रदेश के तिराप, छांगलांग और लांगडिंग जिले और असम से लगी सीमा पर यह कानून लागू है। इसके अलावा मेघालय में भी असम से लगती सीमा पर यह कानून लागू है।