मणिपुर में जातीय हिंसा मई के बाद रुकने का नाम नहीं ले रही है, इस बीच महिलाओं से जुड़ा वीडियो सामने आने के बाद देश अपना गुस्सा जाहिर कर रहा है। हालांकि मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने इस घटना की निंदा की लेकिन विपक्ष ने मणिपुर को लेकर खूब हंगामा किया जिसके कारण मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में कोई कामकाज नहीं हुआ। विपक्ष की मांग है कि पीएम मोदी मणिपुर पर संसद में बयान दें। संसद का मानसून सत्र गुरुवार से शुरू हो गया।
हाल ही में 26 दलों के विपक्ष के नए गठबंधन इंडिया का गठन हुआ है, इंडिया गठबंधन के नेताओं ने मानसून सत्र के लिए रणनीति बनाने के लिए गुरुवार को संसद परिसर में मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में मुलाकात की और इसके बाद विपक्ष ने दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग की। मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मामले पर स्थगन नोटिस भी दिया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा भड़के लगभग 80 दिन हो गए हैं लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न तो राज्य का दौरा किया है और न ही वहां की स्थिति पर एक शब्द भी बोला है। साथ ही खड़गे ने ट्विटर पर यह भी कहा कि मणिपुर जल रहा है। महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है, उन्हें नग्न घुमाया जा रहा है और भयानक हिंसा हो रही है। लेकिन प्रधानमंत्री इतने लंबे समय से चुप हैं।
खरगे ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे को राज्यसभा में भी उठाया और मांग की कि प्रधानमंत्री मोदी के इस मामले पर बयान देने के साथ ही मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की जाए। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री के पास फ्रांस, अमेरिका का दौरा करने का समय है। उनके पास 38 पार्टियों (एनडीए बैठक) को बुलाने का समय है, लेकिन उनके पास मणिपुर जाने का समय नहीं है, जबकि उनके पास सभी संसाधन हैं। मोदी सरकार और भाजपा ने राज्य के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करके लोकतंत्र और कानून के शासन को भीड़तंत्र में बदल दिया है। खरगे ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी भारत आपकी चुप्पी को कभी माफ नहीं करेगा। अगर आपकी सरकार में जरा भी विवेक या शर्म बची है तो आपको संसद में मणिपुर के बारे में बोलना चाहिए और अपनी दोहरी अक्षमता के लिए दूसरों को दोष दिए बिना देश को बताना चाहिए कि क्या हुआ। तीन मई को पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से विपक्षी दल मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं। उधर पीएम मोदी ने मानसून सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि इस भयावह वीडियो को देखकर उनका दिल दुख से भर गया है। मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। मैं लोकतंत्र के इस मंदिर के सामने खड़ा हूं, मेरा दिल दर्द और गुस्से से भर गया है। मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य राष्ट्र के लिए शर्मनाक है। पूरा देश शर्मसार हुआ है।