आखिरकार सुलझ ही गया असम और मेघालय के बीच 50 सालों से चला आ रहा सीमा विवाद, दोनों राज्यों के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता

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नई दिल्ली। असम और मेघालय की सरकारों ने अपने 50 साल पुराने लंबित सीमा विवाद को आखिरकार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद समाप्त कर दिया हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी अंतरराज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए हैं, जिसे हम सभी ने 2014 के बाद से देखा है, जब वह प्रधान मंत्री बने थे । उन्होंने कहा कि 2019 में गृह मंत्री बनने के बाद जब मैं प्रधानमंत्री से मिला तो उन्होंने इन चार क्षेत्रों में सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि 2019 से 2022 तक की यह यात्रा एक बड़ा मुकाम हासिल करने में सफल रही हैं। अमित शाह ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने उग्रवाद को समाप्त करने और पूर्वोत्तर राज्यों में स्थायी शांति लाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में चरमपंथियों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए अगस्त, 2019 में एनएलएफटी (एसडी) समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसने त्रिपुरा को एक शांतिपूर्ण राज्य बनाने में बहुत योगदान दिया। फिर 16 जनवरी, 2020 को 23 साल पुराने ब्रू-रियांग शरणार्थी संकट को हमेशा के लिए हल करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत 37,000 से अधिक आदिवासी जो कठिन जीवन जी रहे थे, आज सम्मान का जीवन जी रहे हैं। श्री शाह ने कहा कि 27 जनवरी 2020 को हस्ताक्षरित बोडो समझौते ने असम के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए 50 साल पुराने बोडो मुद्दे को हल किया। असम सरकार और भारत सरकार ने इस समझौते की 95 प्रतिशत शर्तों को पूरा किया है और आज बोडोलैंड एक शांतिपूर्ण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है और विकास के पथ पर है। असम के कार्बी क्षेत्रों में लंबे समय से चल रहे विवाद को हल करने के लिए 4 सितंबर, 2021 को कार्बी-एंग्लोंग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत 1,000 से अधिक सशस्त्र कैडरों ने आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल हो गए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज इस समझौते से 50 साल पुराना एक और विवाद सुलझने वाला है। उन्होंने कहा कि बहुत ही कम समय में असम और मेघालय के बीच 12 में से छह मुद्दों का निपटारा कर दिया गया है और दोनों राज्यों के बीच की लगभग 70 प्रतिशत सीमा विवाद मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर का विकास तब तक संभव नहीं है जब तक कि राज्यों के बीच विवादों का समाधान नहीं हो जाता और सशस्त्र समूह आत्मसमर्पण नहीं करते। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार की ओर से दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शांतिपूर्ण और समृद्ध पूर्वोत्तर के सपने को साकार करने के लिए आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 से 2022 तक 6,900 से अधिक सशस्त्र कैडरों ने आत्मसमर्पण किया है और 4,800 से अधिक हथियार प्रशासन को सौंपे हैं. ये एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

असम के मुख्यमंत्री,हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री, शकोनराड संगमा ने दशकों से चली आ रही इस समस्या को हल करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया हैं।