देवघर रोपवे हादसा! देवघर के त्रिकुट हिल्स रोपवे सेवा में भारतीय वायु सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन 26 घंटे बाद खत्म

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झारखंड। भारतीय वायु सेना (IAF) ने NDRF, स्थानीय प्रशासन और सेना के साथ निकट समन्वय में, झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट हिल्स रोपवे सेवा में फंसे 35 लोगों को निकालने का काम आज मंगलवार को पूरा कर लिया हैं। भारतीय वायु सेना। ने इस प्रयास के लिए 26 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने के लिए दो Mi-17V5, एक Mi-17, एक उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) और एक चीता का उपयोग किया। यह विमान सोमवार 11 अप्रैल की सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुए थे, जिसके लिए आईएएफ ने ऑपरेशन की तैयारी के लिए एक प्रारंभिक रेकी की, जिसमें अनूठी चुनौतियां थीं।
दल में भारतीय वायुसेना के पांच गरुड़ कमांडो शामिल थे, जिनके पास केबल कार्ट की फंसे हुए ट्रॉलियों पर चढ़ने का चुनौतीपूर्ण काम था, जबकि हेलीकॉप्टर की चरखी केबल से जुड़ा हुआ था, इसे बाहर से एक्सेस करना, प्रत्येक उत्तरजीवी को अलग-अलग बांधना और उन्हें ऊपर उठाना था। और उपरि मँडराते हुए हेलीकॉप्टर में। छोटे बच्चों को गरुड़ स्वयं हेलीकॉप्टर तक ले गए। पहाड़ी इलाकों में तेज हवाओं की स्थिति में हेलीकॉप्टर चालक दल को अपनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जहां उन्हें व्यावहारिक रूप से कोई दृश्य संदर्भ के साथ एक स्थिर होवर बनाए रखना था। चालक दल अपना कार्य करने के लिए एक ट्रॉली से दूसरी ट्रॉली में गया, जो चालक दल के लिए उतना ही जोखिम भरा था जितना कि दुर्घटना में जीवित बचे लोगों के लिए।

वहीं दो दिनों तक चले इस ऑपरेशन में दो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भी हुईं, जिनमें कई प्रयासों के बावजूद, बचाव अभियान की स्वाभाविक रूप से कठिन प्रकृति के कारण बचे लोगों को सुरक्षित रूप से नहीं बचाया जा सका। जिसपर भारतीय वायु सेना ने दोनो मृत व्यक्तियों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।