दशहरा के दिन बौद्ध धर्म दीक्षा समारोह का आयोजन हुआ था। आम आदमी पार्टी के मंत्री रहे राजेंद्र पाल की मौजूदगी में हिंदू देवी-देवताओं को न मानने की शपथ दिलाई गई थी। जो मामला काफी सुर्ख़ियों में रहा था। सुनिए उस सभा में क्या कहा था।
5 October: Mass conversion to Buddhism organised by Delhi Cabinet minister Rajendra Pal Gautam
More than thousand of people took 22 vows given by Dr. Babasaheb Ambedkar and renounced their religion for Buddhism. pic.twitter.com/6geYXCmdAq
— Dalit Desk | दलित डेस्क (@dalitdesk) October 8, 2022
इस पूरे मामले पर अब रामायण फेम अरुण गोविल ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी राय पेश की है। अब उन्होंने राजेंद्र पाल को लेकर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वो कह रहे हैं कि इस घटना ने मुझे ये कहने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर श्रीराम-कृष्ण की धरती पर ये हो क्या रहा है। शपथ दिलाई जा रही है कि हम ब्रह्मा, विष्ण, महेश, हनुमान और राम को नहीं मानेंगे। मां दुर्गा, सरस्वती, काली की पूजा नहीं करेंगे। शपथ दिलाने वाले राजनीतिक-धार्मिक स्वार्थ के लिये ये कर रहे हैं, पर शपथ लेने वाले क्यों नहीं सोचते कि वो ये क्यों कर रहे हैं। इसका हर किसी को विरोध करना चाहिये।
आगे उन्होंने कहा जो लोग श्रीराम को भगवान ना मानने की शपथ ले रहे हैं, क्या उन्हें पता है कि वो कौन हैं। भगवान के बारे में बताते हुए अरुण गोविल ने कहा कि उन्होंने कभी जाति-धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया। ना ही उन्हें कभी सत्ता की लालसा रही। आगे भगवान कृष्ण का जिक्र करते हुए अरुण गोविल कहते हैं, जिस भगवद गीता की कसम खाई जाती है, उसी गीता का उपदेश देने वाला का अपमान करके शपथ लेना, मानवता के लिये कितना घातक है। कृष्ण का विरोध करने वालों को एक बार भगवद गीता पढ़नी चाहिए, ताकि उन्हें पता चला कि ये वो धरती पर सिर्फ मानवता के लिये आये थे।