उत्तराखंड: शिक्षा विभाग की चेतावनी के बीच शिक्षक संघ का अल्टीमेटम! 35 सूत्रीय मांगों को लेकर टीचर्स ने बोला हल्ला

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उत्तराखंड में शिक्षा विभाग के भीतर एक बड़ी लड़ाई होती दिखने लगी है। एक तरफ मंत्रालय है तो दूसरी तरफ शिक्षक संगठन। दरअसल शिक्षक संगठन के आह्वान पर सैकड़ों शिक्षकों से विद्यालयों में प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी को त्याग दिया है। जिसके बाद विभाग ने ऐसे शिक्षकों का वेतन रोकने और कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत इन कार्रवाई करने का ऐलान कर दिया है। इसी आदेश के बाद अब शिक्षा विभाग के भीतर शिक्षक और विभाग के अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं।

पदोन्नति और यात्रा अवकाश को बहाल करने के साथ ही करीब 35 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे शिक्षकों ने अब विभाग के साथ आर पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। इस कड़ी में शिक्षा निदेशालय पर तालाबंदी करने वाले राजकीय शिक्षक संघ ने अब अगले चरण के आंदोलन को भी शुरू कर दिया है। इसके तहत संघ के आह्वान के बाद प्रदेश भर के सैकड़ो शिक्षकों ने विद्यालयों से प्रभारी प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी को छोड़ दिया है। इसके बाद अब शिक्षा विभाग की तरफ से ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कर्मचारी आचरण नियमावली के तहत कार्रवाई करने की बात कही गई है। जिसे अब इस लड़ाई को और भी आगे बढ़ा दिया है। दरअसल एक तरफ ऐसे शिक्षकों के वेतन को रोके जाने की बात सामने आई है तो दूसरी तरफ इन पर विभागीय कार्रवाई की भी बात कही जा रही है। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा विभाग में यदि किसी भी शिक्षक को कोई जिम्मेदारी दी जाती है तो वह उसे जिम्मेदारी को निभाने के लिए बाध्य है। जो शिक्षक ऐसा नहीं करता है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

राजकीय शिक्षक संघ पहले ही अपने आंदोलन को लेकर रूपरेखा तैयार कर चुका है। इस कड़ी में राजकीय शिक्षक संघ ने हड़ताल तक की भी चेतावनी दी हुई है। ऐसे में अब शिक्षा विभाग की तरफ से कार्रवाई की चेतावनी मिलने के बाद शिक्षक संगठन ने भी विभाग को अल्टीमेटम देते हुए जल्द से जल्द मांग पूरी करने की बात कही है। यही नहीं विभाग द्वारा आंदोलनरत शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने पर भी इसका जवाब देने की बात कही है। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह के मुताबिक विभाग की तरफ से ही शिक्षकों को शिक्षण कार्य के निर्देश दिए गए हैं। इसलिए यदि शिक्षकों ने अपने प्रभारी पद को छोड़ा है। इसके बावजूद भी इन शिक्षकों पर कार्रवाई की जाती है तो कार्रवाई करने वाले अधिकारी के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।