उत्तराखंड के बदरीनाथ हाईवे पर यात्रियों को अब नहीं झेलनी पड़ेगी परेशान! कई वर्षा से चली आ रही मुसीबत से मिलेगा निजात

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उत्तराखंड के बदरीनाथ हाईवे के खचड़ानाला में बना गार्डर पुल भार टेस्टिंग में पास होने के बाद सुचारु कर दिया गया है। इससे चार दशकों से खचड़ानाला में वर्षाकाल के दौरान चली आ रही मुसीबत से निजात मिल गई है। ऐसे में अब चारधाम यात्राकाल के दौरान भारी वर्षा के कारण तीर्थ यात्रियों को बार-बार हाईवे बाधित होने से जाम की समस्या नहीं झेलनी पड़ेगी। बदरीनाथ हाईवे पर पागलनाला और खचड़ानाला एैसे नाले हैं, जहां आमतौर पर नाममात्र पानी रहती है। लेकिन, ऊंचाई वाले क्षेत्रों और निचले क्षेत्रों में वर्षा के बाद ये नाले उफान पर रहते हैं।

इससे यहां अक्सर हाईवे बहने के साथ ही अवरुद्ध हो जाता है। कई बार उच्च हिमालय में वर्षा के बाद क्षेत्र में मौसम साफ होने के बावजूद हाईवे अवरुद्ध हो जाता है। खचड़ानाला का नामकरण भी इसके व्यवहार के अनुरूप ही हुआ है। दरअसल, यह वर्षा के दौरान उफान पर रहता है और हिमखंड के साथ पत्थर और मिट्टी काटकर अपने साथ बहाकर ले जाता है। इसके चलते हाईवे पर नाले के 50 मीटर क्षेत्र में भूस्खलन हो रहा है। बीआरओ ने यहां पिछले चार दशक से चली आ रही दिक्कत से निजात के लिए 50 मीटर हटकर गार्डर पुल की कार्ययोजना बनाई। वर्ष 2020 में यह पुल स्वीकृत हुआ और 2021 में यहां कार्य शुरू हो गया। वर्ष 2023 के मई माह में पुल का निर्माण पूरा हो गया। प्रशासन और बीआरओ की मंशा थी कि वर्षाकाल से पहले पुल से होकर यातायात सुचारु कर दिया जाए। लेकिन, ठेकेदार की लेट लतीफी के चलते पुल की भार क्षमता टेस्टिंग नहीं हो पाई। बीआरओ के अधिकारियों की मौजूदगी में तकनीकी टीम ने पुल की भार क्षमता की जांच की, जिसमें मानक पूरे मिलने के बाद बुधवार से पुल से यातायात सुचारु कर दिया गया है। भार क्षमता टेस्टिंग में पास होने के बाद खचड़ानाला में नवनिर्मित गार्डर पुल से वाहनों की आवाजाही सुचारु कर दी गई है। अब वर्षाकाल के दौरान आएदिन हाईवे बाधित होने से जाम की समस्या नहीं खड़ी होगी।