सदन में उधम सिंह नगर पुलिस के विपक्षी नेताओं ने उतारे कपड़े, प्रशासन पर भी खड़े किये सवाल

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देहरादून: शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन विपक्षी नेताओं ने उग्र तेवर दिखाते हुए प्रदेश सरकार को बैकफुट पर ढकेलने में कोई कसर नही छोड़ी।जिसमे नानकमत्ता विधायक ने भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के गृह जनपद पर व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े किये। गोपाल राणा ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।डकैती बलात्कार तमाम घटनाओं का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर में थाने बिक रहे उनकी बोली लग रही है और जब बोली लग रही है उनकी कीमतें बढ़ाई जा रही हैं. ऐसे में क्या कानून व्यवस्था होगी।

थानों को बेचे जाने पर उन्होंने कहा कि कोतवाल या जो भी पुलिस का अधिकारी ज्यादा पैसे देता है उसका ट्रांसफर खटीमा नानकमत्ता या रुद्रपुर कर दिया जाता है।उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर बहुत पुलिस वालों के लिए कमाई का जिला है। कहा कि जब वहां खनन माफियाभूमाफिया, शराब माफिया, सट्टा माफिया, स्मैक माफिया सारे माफिया सब आपको उधम सिंह नगर में मिल जाएंगे। आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इनकी सांठगांठ सारे पुलिस वालों से होती है उनका महीना बना होता है। उनका हफ्ता तय होता है. जब कोई शिकायत करेंगे तो कई कार्रवाई नही की जाती है। उन्होंने कहा कि कोतवाल मैंने भी फोन किया तो कोतवाल ने उसमें कोई सुनवाई नही की।उन्होंने युवाओं के नशे की लत पर भी कई सवाल खड़े किये और  विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी से इस विषय पर चर्चा की मांग की।

इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि ,

”  पिछले कुछ समय से राज्य की कानून व्यवस्था तार-तार हो गई है ऐसा लग रहा है कि उत्तराखण्ड में कानून के राज्य के बजाय अपराधियों का राज्य चल रहा हो।”

उन्होंने बताया कि ,  यदि गृह विभाग द्वारा प्रदान की गई सूचनाओं पर ही भरोसा कर लिया जाय तो 1 मार्च 2022 से लेकर 15 नवंबर 2022 तक याने 8 महिनों में राज्य में 139 हत्याऐं हुई है , 279 महिलाओं का अपहरण हुआ है और 554 से अधिक बालात्कार की घटनाऐं हुई हैं।

उनका आरोप था कि , अब उत्तराखण्ड का गृह  विभाग कमजोर तबके याने अनुसूचित जाति के लोगों के साथ हो रहे अपराधों की सूचना भी संग्रहित  नहीं करता है।
नेता प्रतिपक्ष ने आंकिता हत्याकांड , पिंकी हत्याकांड , जगदीश हत्याकांड सहित उधम सिंह नगर में हुई हाल की घटनाओं में हुई हत्याओं के उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि , माननीय अध्यक्ष जी विधानसभा का समय महत्वपूर्ण है यहां 8 महिनों में हुई 139 में से हर हत्या , 554 बालत्कारों और 279 महिलाओं के हुए अपहरणों की चर्चा नहीं की जा सकती है। इसलिए मैंने ये चार- पांच उदाहरण माननीय सदन के सामने रखे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ,   हर मामले में या तो अपराधियों को सत्ता का संरक्षण था या फिर पुलिस की लापरवाही । और मामलों पर भी चर्चा करेंगे तो यही सब परिस्थितियां निकलेगी।

वहीं कांग्रेस पार्टी से किच्छा विधायक तिलक राज बेहड़ ने कहा कि पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि ऊधम सिंह नगर में लगातार बड़ी-बड़ी वारदातें सामने आ रही है। कहा कि खनन का अवैध काम चल रहा है, नदियों का कटान हो रहा है और खनन तस्करों को अधिकारियों का संरक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि किच्छा क्षेत्र से मांस की तस्करी हो रही है और यूपी पुलिस गाड़ियां पकड़ रही हैं। कहा कि यूपी में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं लेकिन ऊधम सिंह नगर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाए हैं। कि पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी लोगों को भाजपा की सदस्यता दिला रहे हैं। कहा कि किच्छा विधानसभा खनन का अड्डा बन चुका है और इसे कोई देखने वाला नहीं है। कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से खुलेआम की मारपीट की जा रही है और अपराधियों का सिर्फ चालान किया जा रहा है उनके खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जा रही है।