असम सरकार का मदरसों क लेकर सख्त कदम, बीते हफ्ते में हुई दो मदरसों पर कार्रवाई

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असम सरकार अवैध मदरसों को लेकर सरकार सख्त कदम उठा रही है. इस कड़ी में बीते हफ्ते दो मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अब राज्य के गोवलपारा में एक मदरसा और मुस्लिम धर्मशाला का पता चला है, जहां रहने वाले एक शख्स के लिंक बांग्लादेश में प्रतिबंधित आतंकी संगठन अंसार उल बांग्ला के साथ जुड़े हैं. पुलिस के मुताबिक रकीब नाम का शख्स पिछले एक साल से मदरसे की धर्मशाला में रह रहा था लेकिन जब इस बारे में पुलिस ने पड़ताल की तो वह फरार हो गया.Madarsa: असम में एक और मदरसे का टेरर लिंक आया सामने, आतंकी संगठन से जुड़ा संदिग्ध हुआ फरार

आतंकी करता था मदरसे की रखवाली

पुलिस सूत्रों का कहना है कि असम से पहले रकीब पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में रहता था. असम के गोवलपारा जिले की दुर्गम इलाके में इस धर्मशाला में ही बांग्लादेशी आकार रुकते हैं, जिनके साथ आतंकी मॉड्यूल का संबंध है. पुलिस को पता चला कि गोवलपारा से गिरफ्तार हुआ आतंकी इमाम जलालुद्दीन ही इस मदरसे की रखवाली करता था. मदरसे में छानबीन के समय एक मृत व्यक्ति का फोटो लगा हुआ था और एक पोस्टर मिला है. पुलिस को यहां से अंसार उल बांग्ला टीम की कई किताबें भी मिली है. अब भगोड़े रकीब की खोज में पश्चिम बंगाल पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है, साथ ही असम पुलिस भी उसकी खोजबीन में लगी है.

असम में पिछले दिनों बोंगाइगांव के एक मदरसे पर बुलडोजर एक्शन हुआ था क्योंकि इससे टेरर लिंक सामने आया था. इससे पहले सोमवार को बारपेटा जिले में एक मदरसे को ढहा दिया गया था, जिसमें अंसार-उल-बांग्ला टीम के दो बांग्लादेशी सदस्य चार साल से रह रहे थे. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि सरकार मदरसों के खिलाफ नहीं है लेकिन हमारा काम यह देखना है कि किसी मदरसे का इस्तेमाल गैर कानूनी गतिविधि के लिए तो नहीं हो रहा है.

असम सरकार का सख्त रुख

मदरसे पर एक्शन को सही ठहराते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मदरसों के खिलाफ नहीं लेकिन अगर वहां भारत विरोधी गतिविधियां होंगी तो सरकार ऐसे मदरसों को ढहाने का काम करेगी. असम पर मदरसों पर एक्शन के बाद इसे लेकर सियासी भी गरमा गई है. मदरसे पर बुलडोजर के खिलाफ एआईयूडीएफ के लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कोर्ट में अर्जी लगाने की बात कही है, वहीं दूसरी ओर अन्य राज्यों में भी अवैध मदरसों की पड़ताल शुरू करने की वकालत की जा रही है.

इस कड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने का फैसला लिया है. राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि सरकार ने मदरसों में छात्र-छात्राओं को बुनियादी सुविधाएं की मुहैया कराने के सिलसिले में मदरसों के सर्वे कराने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अभी राज्य सरकार का मकसद सिर्फ गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बारे में सूचनाएं जमा करना है और नए मदरसों को मान्यता देने की काम बाद में किया जाएगा