नई दिल्ली। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन को दिल्ली की एक अदालत ने बलात्कार और आपराधिक धमकी के मामले में तलब किया है, जिसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। अदालत ने कथित अपराध का संज्ञान लिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री को 20 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट में मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत ने एफआईआर रद्द करने की रिपोर्ट, शिकायतकर्ता की दायर विरोध याचिका, जांच अधिकारी की विरोध याचिका पर दाखिल जवाब और रिकॉर्ड पर रखी गई अन्य सामग्री पर गौर करने के बाद यह पाया है कि शिकायतकर्ता ने पुलिस, अदालत, मजिस्ट्रेट के सामने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 164 के तहत एक समान बयान दिए हैं। पुलिस ने अदालत में रिपोर्ट दाखिल कर FIR रद्द करने का अनुरोध किया था। न्यायाधीश ने पुलिस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा, ‘‘रद्द करने की रिपोर्ट दाखिल करते समय जांच अधिकारी द्वारा उठाए गए मुद्दे…ऐसे मामले हैं जिन पर सुनवाई के दौरान निर्णय लिया जा सकता है। अदालत ने कहा कि इसके अलावा इस अदालत का मानना है कि शिकायतकर्ता के बयान और उसकी विश्वसनीयता का टेस्ट केवल मुकदमे के दौरान ही किया जा सकता है जब आरोपी द्वारा उससे जिरह की जाती है।