नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन, आइसलैंड की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर, नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर, स्वीडन की प्रधानमंत्री मैग्डेलीना एंडरसन और फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मारिन के साथ भाग लिया।
इस शिखर सम्मेलन ने 2018 में स्टॉकहोम में आयोजित पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से भारत-नॉर्डिक संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर प्रदान किया। महामारी के बाद आर्थिक सुधार (रिकवरी), जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, नवाचार, डिजिटलीकरण और हरित एवं स्वच्छ विकास आदि क्षेत्रों में बहुपक्षीय सहयोग पर चर्चा हुई।
स्थायी महासागर प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए समुद्री क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक कंपनियों को विशेष रूप से भारत की सागरमाला परियोजना समेत जल से जुड़ी (ब्लू इकॉनमी) अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
आर्कटिक क्षेत्र में नॉर्डिक क्षेत्र के साथ भारत की साझेदारी पर चर्चा हुई। वहीं क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आर्कटिक नीति, आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग के विस्तार के लिए एक अच्छी रूपरेखा प्रस्तुत करती है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने नॉर्डिक देशों के सोवेरेन वेल्थ फण्ड को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया।