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लालकुआं। गौला खनन संघर्ष समिति के बैनर तले पिछले 60 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने शासन-प्रशासन पर घोर उपेक्षा का आरोप लगाया है। इस दौरान ओवरलोड़िंग के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और शासन-प्रशासन को चेताया। इस दौरान तमाम संगठनों द्वारा भी समिति के पदाधिकारियों को समर्थन दिया जा रहा है। आज प्रधान संघ द्वारा भी समिति को अपना समर्थन दिया गया और आरपार की लड़ाई का ऐलान किया गया। गौला खनन संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि समतलीकरण और एक राज्य एक रायल्टी की मांग पूरी हो गयी है, लेकिन स्टोन क्रेशरों द्वारा उनको लगातार गुमराह किया जा रहा है। कहा कि पहले स्टोन क्रेशरों ने कहा कि हमारे पास पर्याप्त सामग्री है और हम माल नहीं ले सकते, लेकिन आज वही स्टोन क्रेशर खाली हो गये और गड्ढे खोदने लगे हैं। कहा कि जब स्टोन क्रेशरों पर वे लोग पहुंचे तो शासन-प्रशासन ने उनकी नहीं सुनीं। कहा कि शुक्रवार को स्टोन क्रेशर एसो. ने पुलिस से शिकायत करते हुए उनपर गलत आरोप लगाए हैं। कहा कि अगर हम ओवरलोड़ का विरोध कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है। इस दौरान प्रधान संघ ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। कहा कि इतने दिनों गौला खनन संघर्ष समिति के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन शासन-प्रशासन के कानों में जू नहीं रेंग रही है। कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
वहीं गौला खनन संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि क्रेशर मालिकों की मनमानी चल रही है, कहा कि सरकार भी इस मनमानी की अनदेखी कर रही है। कहा कि गांवों में ओवरलोडिंग गाड़ियां दौड़ रही है, जिसके चलते हादसों का भय बना रहा है। कहा कि सड़कों की स्थिति दयनीय है। कहा कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस समय प्रदेश में अफसरशाही हावी है। कहा कि अधिकारी भी क्रेशर संचालकों की सुन रहे हैं और कार्यवाही के नाम पर उन्हें गुमराह किया जा रहा है। इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने क्रेशरों पर कार्यवाही की मांग की है।