शराब पीकर बैठे तो नही चलेगी गाड़ी, जाने नई तकनीक

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नई दिल्ली. शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों के चलते दुनिया भर में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट होते हैं. हालांकि शराब पीकर गाड़ी चलाने को लेकर हर देश में कड़े से कड़े कानून हैं लेकिन फिर भी लोग ऐसा कर खुद की और दूसरों की जान को खतरे में डालते हैं. लेकिन यदि ऐसा हो कि कोई शराब पीकर गाड़ी में बैठे और कार चले ही न तो कैसा होगा. ऐसे में शराब पीकर गाड़ी चलाने के दौरान होने वाले हादसों पर रोक तो लगेगी ही, हजारों जिंदगियां भी बचेंगी.

2020 में अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक भीशण सड़क दुर्घटना हुई. इस दौरान दो कारों के भिड़ जाने से 7 बच्चों सहित 9 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद जांच में पता चला कि कार चलाने वाला एक व्यक्ति शराब के नशे में था और उसी की लापरवाही के चलते ये हादसा हुआ. वहीं इसी साल अमेरिका में नशे की हालत में गाड़ी चलाने से संबंधित हादसों में 11 हजार लोगों की जान गई. इसके बाद अमेरिका में सभी कारों में अल्कोहल इंपेयरमेंट डिटेक्‍शन सिस्टम (AIDS) लगाने पर जोर दिया जाने लगा.

क्या है AIDS

AIDS एक ऐसी तकनीक है जो कार के ड्राइवर के हाव भाव को डिटेक्ट करेगी.

शराब के नशे या किसी और नशे में होने पर ड्राइवर के चेहरे के भाव बदलेंगे, साथ ही उसका रेस्पांस स्लो होगा. AIDS इसे डिटेक्ट कर लेगा.

इसके बाद AIDS का अपना काम करेगा और कार का इग्नीशन सिस्टम बंद कर देगा.

यदि गाड़ी चल रही है तो कार की स्पीड धीरे-धीरे कम होगी और फिर कार बंद हो जाएगी.

ऐसे में कार स्टार्ट नहीं होगी. इसके बाद AIDS तेज अलार्म बजाएगा.

इसके साथ ही एक संदेश पुलिस स्टेशन में भी जाएगा.

भारत में भी होगा फायदा

यदि ये तकनीक भारत में आती है तो इसका काफी फायदा होगा. टीवी 9 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में शराब पीकर गाड़ी चलाने के चलते होने वाले हादसों में 2020 के दौरान 8300 लोगों की मौत हुई. ऐसे में ये तकनीक भारत में होने वाली दुर्घटनाओं पर भी लगाम लगाएगी