फूलों से सजा महाकाल दरबार, पीएम मोदी आज करेंगे ‘महाकाल लोक’ को देश को समर्पित

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उज्जैन। 11 अक्टूबर यानी की आज मंगलवार के दिन पूरा मध्यप्रदेश शिवमय होने जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी प्रदेश की ऐतिहासिक, पौराणिक, धार्मिक नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करने से पहले भगवान महाकाल के गर्भगृह में पूजन अभिषेक करेंगे और ध्यानमग्र होंगे। उज्जैन में “श्री महाकाल लोक” के साथ ही पूरे प्रदेश में गांव-गांव, शहर-शहर देवालयों में बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर शिव भजन, पूजन, कीर्तन, अभिषेक, आरती करेंगे। शंख-ध्वनि होगी, घंटे-घड़ियाल बजाए जाएंगे, मंदिरों, नदियों के तट और घर-घर दीपक जलाए जाएंगे। धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम और भोजन-भंडारे होंगे।

महाकाल मंदिर के नवनिर्मित कॉरिडोर को 108 स्तंभों पर बनाया गया है। महाकवि कालिदास ने ‘मेघदूत’ में महाकाल वन की जैसी परिकल्पना की थी, मप्र सरकार ने उसी तरह उसे साकार करने का प्रयास किया है। श्री महाकाल लोक में शिव के सभी स्वरूपों को एक स्थान पर लाने का अनूठा प्रयास किया गया है। यहां भगवान शिव के सहस्रों रूपों और महिमा की गाथा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारत के प्राचीनतम नगरों में एक, उज्जैन में श्री महाकाल लोक का उद्घाटन करेंगे। महाकालेश्वर मंदिर का यह नया स्वरूप भारत की ऐतिहासिक व सभ्यतागत राष्ट्र की यात्रा में एक महत्वपूर्ण घटना है। इसके दो कारण हैं। पहला, आस्था और भक्ति पर आधारित। महाकालेश्वरजी, भगवान शिव की पूजा के लिए विख्यात ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख हैं। मंदिर को मध्यकाल में आक्रमणों का सामना करना पड़ा था। स्कंद पुराण में उल्लेखित रुद्रसागर झील भी प्रदूषित पानी का तालाब बन गयी थी।

मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भगवान शिव के महान मंदिर को फिर से जीवंत करने की चुनौती स्वीकार की। यथोचित मुआवजे के बाद अतिक्रमणों को शांतिपूर्वक हटाया गया। इस पूरे नवीनीकरण में मंदिर परिसर का भव्य विस्तार व कलात्मक सौंदर्यशास्त्र ही नहीं, दर्शनार्थियों व पैदल यात्रियों की भीड़ का कुशल प्रबंधन भी है। उज्जैन के मुख्य भागों में सुगम यातायात व्यवस्था, वाहन पार्किंग की विकेंद्रीकृत प्रणाली, जन सुरक्षा हेतु नवीनतम उपकरण और सॉफ्टवेयर, यह सब श्री महाकाल लोक को सुंदरता के साथ दक्षता प्रधान करते हैं। प्रदूषण- व ध्वनि-रहित ई-रिक्शा और पर्याप्त चार्जिंग केंद्र होंगे। साथ ही सौर पैनल बिजली की खपत को पूरा करेंगे।

 

अब समझिए, महाकाल लोक को डिजाइन करने के पीछे की कहानी : प्रोजेक्ट हेड कृष्ण मुरारी शर्मा कहते हैं- सबसे पहले क्राउड मैनेजमेंट को ध्यान में रखकर महाकाल लोक को डिजाइन किया गया। कुछ प्रोजेक्ट तैयार किए, वे बिगड़ गए। फिर नए तैयार किए, तो उनमें भी कुछ कमी रह गई। आखिरकार इंटरनेशनल टूरिज्म के बढ़ावे को ध्यान में रखकर प्रोजेक्ट तैयार किया। भक्तों की संख्या को ध्यान में रखा गया। हम कुछ ऐसा बनाना चाहते थे कि जो भी भक्त दर्शन करने आए, एक-दो दिन यहां रुके। ऐसा होने से शहर में टूरिज्म को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे।

अगले 50 साल की प्लानिंग… देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर होगा : 12 अक्टूबर से महाकाल मंदिर दर्शन व्यवस्था में देश का सबसे सुव्यवस्थित मंदिर हो जाएगा। यहां दर्शन व्यवस्था अगले 50 साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है। उद्घाटन के बाद श्रद्धालुओं को सबसे बड़ी सुविधा बिना भीड़ के और कम समय में दर्शन की व्यवस्था मिलेगी। रात में सोने की तरह दमकने वाले महाकाल लोक में सुंदरता के साथ आम श्रद्धालुओं को शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे त्योहार के लिए दर्शन की ऐसी बेहतर व्यवस्था बनाई जा रही है, जो देश के किसी मंदिर में नहीं है। किसी भी त्योहार पर न तो महाकाल पहुंचने वाले वाहनों को शहर से दूर रोका जाएगा और न ही कई किमी पैदल चलना होगा। श्रद्धालुओं को पार्किंग से लेकर महाकाल दर्शन तक पहुंचने में सिर्फ 20 मिनट लगेंगे। एक घंटे में 30 हजार लोग दर्शन कर सकेंगे। व्यवस्था ऐसी होगी कि एक दिन में 10 लाख श्रद्धालु भी पहुंच जाएं, तो उन्हें दर्शन कराए जा सकते हैं। ये फेस-1 की व्यवस्था है, जिसका उद्घाटन होगा।

पहले जान लेते हैं प्रधानमंत्री का कार्यक्रम : PM मोदी इंदौर में प्लेन से उतरने के बाद हेलीकॉप्टर से शाम साढ़े 5 बजे उज्जैन पहुंचेंगे। यहां से वे शाम 6 बजे महाकाल मंदिर पहुंचेंगे।
मंदिर में दर्शन के बाद महाकाल कॉरिडोर के नंदी द्वार पर 6.30 बजे पहुंचेंगे और महाकाल लोक को देश को समर्पित करेंगे। यहां वे पूजन-अर्चन कर इलेक्ट्रिक गाड़ी से महाकाल पथ देखेंगे। इसके बाद वे कार्तिक मेला ग्राउंड पर सभा को संबोधित करेंगे। PM की सभा 8 बजे तक चल सकती है। चूंकि, उज्जैन से रात में हेलिकॉप्टर के टेक ऑफ की फैसिलिटी नहीं है, ऐसे में PM सड़क मार्ग से इंदौर पहुंचेंगे। यहां से दिल्ली के लिए उड़ान भरेंगे।

अब जान लीजिए, लोकार्पण की तैयारी को : प्रधानमंत्री के इंदौर से उज्जैन जाने के लिए वायुसेना के तीन हेलिकॉप्टर इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। ‘एमआई 17वी5’ नामक यह मीडियम लिफ्ट एयरक्राफ्ट खासतौर पर VIP ड्यूटी के लिए तैयार और मोडिफाई किया गया है। प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से उज्जैन से इंदौर जा सकते हैं। इसी संभावना को देखते हुए उज्जैन के बीच 50 किमी लंबी सड़क को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। इंदौर से उज्जैन यानी 60 किलोमीटर एरिया सजकर तैयार है। सुरक्षा में 6 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं। इसमें प्रदेशभर से अधिकारियों के साथ स्पेशल टीम शामिल है। प्रदेशभर से 12 तो बीडीएस की टीम ही है। जिस सड़क पर प्रधानमंत्री का मूवमेंट रहेगा, उसे दो घंटे पहले बंद कर दिया जाएगा।

देशी-विदेशी फूलों से महका महाकाल का आंगन : महाकाल का आंगन देशी-विदेशी फूलों की सुगंध से महक उठा है। गर्भगृह और नंदी हाल के साथ ही परिसर के सभी छोटे-बड़े मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहाए हुए हैं। महाकाल मंदिर के आंगन में स्थित 40 से अधिक छोटे-बड़े मंदिरों और कोटितीर्थ कुंड के आस-पास भी पुष्प सज्जा की गई है। मंदिर समिति से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि समिति द्वारा स्थानीय स्तर से फूल मंगवाए गए। इसमें देसी गुलाब, गेंदा, सुगंधित पुष्प इसके अलावा विशेष किस्म के डच गुलाब, जरबेरा, लिली, रजनीगंधा, एंथोरियम के फूल शामिल हैं। विशेष किस्म के पुष्प पुणे व बेंगलुरु से मंगाए गए हैं।

गायक कैलाश खेर करेंगे महाकाल स्तुति गान : उज्जैन में महाकाल लोक के साथ ही प्रदेशभर के मंदिरों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर शिव भजन, पूजन, कीर्तन, अभिषेक, आरती करेंगे। शंख, घंटे-घड़ियाल बजने के साथ ही मंदिर, नदियों के तट और घरों में दीपक जलाए जाएंगे। गायक कैलाश खेर महाकाल स्तुति गान की प्रस्तुति देंगे। सभा स्थल पर 60 हजार से अधिक लाेगाें के पहुंचने की संभावना है। शिप्रा नदी के सभी घाटों पर एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु बड़ी स्क्रीन पर कार्यक्रम देखेंगे।

प्रदेश के सभी मंदिरों में होंगे धार्मिक आयोजन : प्रदेश के सभी बड़े शिव मंदिरों जैसे टीकमगढ़ का बांदकपुर मंदिर, छतरपुर का जटाशंकर मंदिर आदि स्थानों में सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन किए जाएंगे। यहां पर भी लाइव प्रसारण हाेगा। उज्जैन एवं इंदौर संभाग के हर जिले से विभिन्न समाज और संस्थाओं के अध्यक्ष, पार्षद, सरपंच, तड़वी, पटेल, पुजारी आदि को लोकार्पण कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है, जो अपने-अपने क्षेत्र से जल लेकर आएंगे और उज्जैन रुद्रसागर में समर्पित करेंगे।

ऐसी है ट्रैफिक व्यवस्था: दोपहर 3 बजे बाद इन रास्तों पर जाने से बचें : ​​​​​​डीआरपी लाइन, इंदौर रोड, महामृत्यंजय चौराहा, आस्था गार्डन तिराहा, शांति पैलेस तिराहा, हरिफाटक ओवर ब्रिज, त्रिवेणी संग्रहालय, हरिसिद्धि चौराहा, शिप्रा नदी का छोटा ब्रिज, सिंहस्थ द्वार। प्रधानमंत्री यदि सड़क मार्ग से जाते हैं तो एक लेन पर यातायात एक घंटे पहले बंद कर दिया जाएगा।

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