गुजरात पहुंचा चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, सोशल मीडिया में वीडियो वायरल

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गुजरात I चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात पहुंच चुका है। सौराष्ट्र तट पर लैंडफॉल भी शुरू हो चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि आधी रात तक लैंडफॉल प्रक्रिया जारी रहेगी। इसके अलावा, तटीय इलाकों में बेहद तेज हवाएं चल रही हैं। एक लाख लोगों को तट के किनारे से निकाल सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है। मछुआओं को समुद्र में ना जाने की सलाह दी गई है। साबरमती रिवर फ्रंट और द्वारकाधीश मंदिर को बंद किया गया है। यह चक्रवाती तूफान कच्छ और पाकिस्तान के सिंध के तट से टकराएगा। बीते 60 सालों में यह तीसरा तूफान है, जो पश्चिमी तट से टकराएगा।चीफ स्टाफ ऑफिसर, ओपीएस, पश्चिमी नौसेना कमान के रियर एडमिरल कुणाल राजकुमार ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि उत्तरी गुजरात क्षेत्र में भारी वर्षा के साथ लगभग 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी… गुजरात क्षेत्र में नौसेना स्टेशन…, 25 से अधिक विशेषज्ञ टीमों के साथ तैयार हैं। इन टीमों में विविध चिकित्सा विशेषज्ञ, अच्छे तैराक के साथ-साथ पोर्टेबल चेन सेट, काटने के उपकरण जैसे उपकरण शामिल हैं जो मलबे और गिरे हुए पेड़ों को हटाने में बहुत उपयोगी हैं।

चक्रवाती तूफान गुजरात के करीब दस्तक दे चुका है। तटीय इलाकों में बेहद तेज हवाएं चल रही हैं। ताजा रिपोर्टों के मुताबिक, सौराष्ट्र तट पर लैंडफॉल शुरू हो चुका है। कच्छ समेत पूरे सौराष्ट्र तेज हवा के साथ भारी बारिश हो रही है। बिपरजॉय 12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार रात नौ बजे के करीब बिपरजॉय का लैंडफॉल कच्छ के जखाऊ पोर्ट पर होगा। पूर्वी पाकिस्तान (आज के बांग्लादेश) के समुद्र तट से 12 नवंबर 1970 को एक तूफान टकराया था, जिसे बाद में विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा विश्व का सबसे विनाशकारी उष्ण कटिबंधीय चक्रवात घोषित करना पड़ा। इससे मची तबाही ने पूर्वी पाकिस्तान में एक गृह युद्ध छेड़ दिया और आखिरकार विदेशी सैन्य हस्तक्षेप का मार्ग प्रशस्त किया, जिसने उसे बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र में तब्दील कर दिया। कई तरह के 15 जहाज तैयार हैं। समुद्र में बचाव कार्यों के लिए एसएआर की भूमिका में 7 विमान लगे हुए हैं। 29 जेमिनी नावों के साथ 23 आपदा राहत दल, नावों के लिए 50 ओबीएम (आउट बोर्ड मोटर), 1000 लाइफजैकेट और 200 लाइफबॉय, नागरिकों की सहायता के लिए आईसीजी स्टेशनों में तैनात हैं।