थम नही रहा बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का विवाद, पंजाब यूनिवर्सिटी में चली विवादित फिल्म

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नई दिल्ली. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को कहा कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग उस वक्त तक नहीं की जाएगी. जबतक पुलिस हिरासत में लिए गए एनएसयूआई और एसएफआई के कार्यकर्ताओं एवं जामिया छात्रों को हिरासत से नहीं छोड़ा जाता है. करीब 10 छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हंगामा करने के सिलसिले में हिरासत में लिया है. दूसरी ओर, न्यूज़ 18 के मुताबिक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डॉ नजमा अख़्तर से कहा, ‘एसएफआई की कोशिश थी कि पढ़ाई-लिखाई में बाधा पैदा की जाए, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम रही.’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो नियम हैं उस हिसाब से कार्रवाई की जाएगी और अगर दिल्ली पुलिस को कार्रवाई करने की जरूरत पड़ी, तो वह कैंपस के बाहर ही करेगी. वाइस चांसलर ने आगे कहा, ‘कैंपस के भीतर किसी प्रकार का प्रदर्शन कामयाब नहीं हो पाया. जिस एसएफआई का कोई अस्तित्व ही नहीं है, उसके बारे में क्या ही कहा जाए.’ उन्होंने छात्रों से अनुशासन बनाए रखने की अपील की है.

जामिया विश्वविद्यालय में BBC डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग पर अब तक के अपडेट
–NSUI के छात्रों ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के स्टूडेंट सेंटर के बाहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीबीसी डॉक्यूमेंट्री चलाई, लेकिन आधे समय के बाद ही इसे यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी और अधिकारियों ने रोक दिया.

–एसएफआई ने दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने 70 से अधिक ऐसे छात्रों को हिरासत में लिया है जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद चार छात्रों को हिरासत में लिए जाने का विरोध करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एकत्र हुए थे.

–बुधवार को दिन में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. विश्वविद्यालय के गेट पर हंगामे जैसा माहौल रहा. गेट बंद होने के चलते परिसर के बाहर छात्रों की भारी भीड़ जमा हो गई थी.

–सुरक्षा के मद्देनजर जामिया गेट नम्बर 7 के पास अतिरिक्त पुलिस बल और पैरा मिलिट्री फोर्स को बढ़ाया गया है. यूनिवर्सिटी के बाहर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात कर दी गई है और ड्रोन से नजर रखी जा रही है. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के जवानों को भी गेट पर तैनात किया गया है.

–जामिया विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर ने बीबीसी वृत्तचित्र प्रदर्शित किए जाने पर कहा कि एसएफआई परिसर में शांति भंग करना चाहता है, ऐसे आचरण के लिए कभी अनुमति नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि जामिया परिसर में शांति भंग करने को लेकर जरूरी हुआ तो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

–दरअसल, वाम समर्थित छात्र संगठन ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) ने बुधवार को घोषणा की कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को शाम छह बजे जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में दिखाएगा. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई है और ‘हम ऐसा नहीं होने देंगे’. एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी कर सूचित किया है कि एससीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाया जाएगा.

–इस बारे में जब जामिया के एक अधिकारी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘उन्होंने स्क्रीनिंग के लिए अनुमति नहीं मांगी और हम स्क्रीनिंग नहीं होने देंगे. अगर छात्र नियम से परे जाकर कुछ करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’

–जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी मंगलवार को वृत्तचित्र का प्रदर्शन आयोजित किया गया था जिसमें छात्रों ने दावा किया कि इस दौरान बिजली आपूर्ति और इंटरनेट रोक दिया गया तथा उन पर पथराव किया गया.