कांवड़ मेले को लेकर हरिद्वार वन प्रभाग ने कसी कमर! 23 गश्ती टीमों को किया तैनात

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हरिद्वार में कांवड़ मेले को लेकर हरिद्वार वन प्रभाग ने भी कमर कस ली है। हरिद्वार वन प्रभाग इस बार कांवड़ में कांवडियों की सुरक्षा में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। इसलिए विभाग ने 23 गश्ती टीमों को तैनात किया है। साथ ही विभाग वॉच टावर से भी कांवड़ियों व जंगली जानवरों पर नजर रखी जाएगी।

आगामी चार जुलाई से कांवड़ मेले का आगाज होने जा रहा है. जिसके मद्देनजर हरिद्वार व ऋषिकेश में मेले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ कांवड़ मार्गों की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा इस बार विभिन्न रेंजों से गुजर रहे कांवड़ मार्गों पर व्यवस्थाओं को भी पुख्ता किया जा रहा है। जिससे कांवड़ यात्रियों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े.हरिद्वार वन प्रभाग से 26 किलोमीटर का कांवड़ मार्ग गुजरता है,जो चिड़ियापुर,श्यामपुर,हरिद्वार व रुड़की रेंजों के वन क्षेत्र से सटा हुआ है। इसको लेकर हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा सभी संवेदनशील क्षेत्रों में 23 गश्ती टीमों को तैनात किया गया है। ये टीमें इन संवेदनशील मार्गों से गुजरने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा के साथ-साथ मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने की कोशिश करेगी। साथ ही प्रभागीय वन अधिकारी ,एसडीओ हरिद्वार व रुड़की प्रतिदिन क्षेत्रों की मॉनिटरिंग करेंगे। डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि हरिद्वार वन प्रभाग के कई स्थान बेहद संवेदनशील हैं। इन स्थानों पर मानव वन्यजीव संघर्ष की संभावना बनी रहती है। इसको लेकर उनके द्वारा पूरा रूट मैप तैयार कर लिया गया है. साथ ही 23 टीमों की तैनाती भी की गई है। इसी के साथ तीन विशेष टीमें बनाई गई हैं इन टीमों में डॉक्टर, ट्रेंकुलाइजर और तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं। कुंभ के दौरान निर्माण कराए गए वॉच टावरों का भी इस बार कांवड़ मेले में सहारा लिया जाएगा। डीएफओ नीरज शर्मा ने बताया कि कुंभ के दौरान हमारे द्वारा कई वॉच टावर बनाए गए थे जिनका उपयोग भी किया जाएगा। इन टावरों में 24 घंटे एक वनकर्मी तैनात रहेगा। जिससे मानव वन्यजीव संघर्ष को रोका जा सके।