रुद्रप्रयाग के औंण गांव में आपदा जैसे हालात हो गए हैं। आपदा के डर से ग्रामीणों ने गांव खाली करना शुरू कर दिया है। पांच से ज्यादा परिवार अपना सामान समेट कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं। गांव में बचे हुए परिवार भी पलायन की तैयारी कर रहे हैं। गांव के पीछे की पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं। जिस कारण गांव को खतरा पैदा हो गया है। औंण गांव में आपदा के डर से लोगों ने छोड़ा घरग्रामीण दहशत में अपने दिन काट रहे हैं। ग्रामीणों के सामने ये भी दिक्कत हो गई है कि वो जाएं तो जाएं कहां? फिलहाल, ग्रामीण खुद के खर्चे से बाजार में किराए के कमरों में शरण ले रहे हैं। दरअसल दो दिन पहले औंण गांव के पीछे की पहाड़ी से भारी भरकम बोल्डर आ गया था। बोल्डर गिरने से ग्रामीणों के खेत खलिहानों के अलावा एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया था. बोल्डर ने एक घर की पीछे की दीवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी और प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था। लगातार हो रही तेज बारिश के कारण गांव को खतरा पैदा हो गया है। खतरे को भांपते हुए पहले ही ग्रामीण अब अपने पैतृक घर खाली करने लग गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के ठीक नीचे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की टनल का निर्माण हो रहा है। टनल निर्माण के दौरान विस्फोट होने से उनके घरों में दरारें पड़ रही हैं और पीछे की पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं। वही लगातार तेज बारिश होने से उनकी परेशानी बढ़ गई हैं। गांव में रहना अब खतरे से खाली नहीं है। गांव में 10 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं लेकिन सबके लिए खतरा बना हुआ है वो अपने पैतृक मकान नहीं छोड़ना चाहते हैं लेकिन मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाने पड़ रहे हैं उनका सब कुछ यही है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि उनकी रात में दहशत में गुजरती है। वो सो नहीं पा रहे हैं। गांव छोड़ने के अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। गांव छोड़ के भी वो कहां जाएंगे? बाजार में लोगों से शरण मांगी जा रही है। गांव पूरे सामान के साथ गांव से पलायन कर रहे हैं।