नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव में फ्री स्कीम्स के वादों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाते हुए सवाल पूछा कि आपने हलफनामा कब दाखिल किया? रात में हमें तो मिला ही नहीं, सुबह अखबार देखकर पता चला। चीफ जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने मामले में करीब 20 मिनट तक सुनवाई की। इस दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल कोर्ट सलाहकार और अभिषेक मनु सिंघवी आप की ओर से पेश हुए। इस मामले में अब अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने चुनाव आयोग से पूछा कि क्या पार्टियां उसे अपना घोषणा पत्र सौंपती हैं? इस पर याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा- नहीं, ऐसी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि अधिकतर मुफ्त की योजनाओं का वादा घोषणा पत्र में नहीं होता है। नेता अपने भाषणों में इसका जिक्र सकते हैं। सीजेआई ने इस पर कहा कि ये गंभीर मुद्दा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम इस मामले में कानून नहीं ना सकते हैं। कानून बनाना सरकार का काम है। दरअसल याचिका में ऐसा वादा करने वाली पार्टियों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई थी। कोर्ट की टिप्पणी पर याचिकाकर्ता ने कहा कि यहां सरकार भी मौजूद है वह कानून बना सकती है।
Anil Kumar
Editor