बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट होने और अंतरिम सरकार के गठन के बावजूद भी वहां पर अल्पसंख्यक समुदाय कहे जाने वाले हिंदुओं पर अत्याचार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। लगातार कट्टरपंथी ताकते हिंदुओं के मंदिरों और घरों को निशाना बना रही है। जिसको लेकर रुद्रपुर में आज बंगाली समुदाय ने हजारों की संख्या में एकत्र होकर शहर में वेदना यात्रा निकाली और भारत सरकार से बांग्लादेश के मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कहीं। बंगाली समाज से जुड़े हजारों की संख्या में लोग रुद्रपुर के रामलीला मैदान में एकत्र हुए ,जहां उन्होंने सभा की। उसके पश्चात उन्होंने रामलीला मैदान से वेदना यात्रा निकाली जो भगत सिंह चौक, मुख्य बाजार होते हुए गांधी पार्क के समीप समाप्त हुई। इस दौरान लोगों ने बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर हमले की कड़ी निंदा करते हुए उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर भारत के साथ और विदेशों में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। सूत्रों के अनुसार भारत सरकार पड़ोसी देश के हालात पर पैनी नजर रख रही है। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के कथित नरसंहार के खिलाफ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन जारी है। राजनीतिक अशांति से प्रभावित देश में हिंदू मंदिरों को नष्ट करने के खिलाफ भी लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे है। उत्तराखंड के जनपद ऊधम सिंह नगर में भी हिन्दू समुदाय के सदस्यों की हत्या के विरोध में प्रदेशिक बंगाली कल्याण समिति के बैनर तले बड़ी संख्या में बंगाली समाज के लोग ने सड़को पर जोरदार मार्च करते हुए उग्र प्रदर्शन किया। नाराज लोग रैली की शक्ल में बस अडडे के सामने स्थित रामलीला मैदान पहुंचे। वही इस विरोध रैली और प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और युवाओं ने हाथ में तख्ततियों लेकर तथा भास्तीय झंडा लेकर रैली में शामिल हुए। रैली में बंगलादेश मुर्दाबाद वहीं के सैनिक मुर्दाबाद, कट्टरपंथी मुर्दाबाद,आई.एस.आई. मुर्दाबाद, अत्याचार बन्द करो, आदि जोरदार नारे लगते रहे लोगो ने अपना रोष व्यक्त किया। इस दौरान बंगाली समाज के लोगों ने कहा कि बांग्लादेश में सत्ता पलट के बाद से हमारे हिंदू भाइयों और उनके मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश में रहने वाले लाखों हिंदू हम सभी के भाषी परिवार और हमारे नाते रिश्तेदार हैं, इस घटना से वो लोग बुरी तरह से प्रभावित हो चुकें हैं। अब बांग्लादेश में हिंदुओं का जीवन सामान्य नहीं रह गया है। भारत सरकार को दखल देखकर हिंदू की सुरक्षा, उनके मंदिरों की सुरक्षा एवं उनकी संपत्ति की सुरक्षा के विषय में अपना पक्ष रखना चाहिए पूरे घटनाक्रम पर अपनी निगाहें रखनी चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान प्रदेशिक बंगाली कल्याण समिति अध्यक्ष चंद्रशेखर गांगुली ने कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक उठा पटक शुरू होने के बाद से ही हिंदू समाज के लोगों और उनके मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा था लेकिन जैसे ही तख्तापलट हुआ वैसे ही इन घटनाओं में इजाफा हो गया। अध्यक्ष गांगुली ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना की तख्ता पलट होने के बाद वहीं के अल्पसंख्यक हिन्दुओं के उपर हो रहे अमानवीय क्रूर अत्याचार, महिलाओं के साथ बर्बता,शिशुओं,बच्चो को भी मौत के घाट उतार देना,धार्मिक स्थल और मन्दिरों को तोड़कर आग के हवाले करना तथा हिन्दुओं को खासकर निशाना बनाकर उनके घरों को जला देना मानों उनका तख्ता पलट के साथ यह अन्यायपूर्ण भेदभाव बंगलादेश से हिन्दुओं का सफाया कराना कट्टरपंथियों का पहला मकसद है। यह इतिहास में क्रूरता का पराकष्ठा जाता जायेगा, बहुत संख्या में हिन्दुओं को बेघर होकर इधर-उधर जान बचाने के लिए दया की भीख मांगनी पड़ रही है यह हृदय विदारक घटना से हम भारत में रह रहे हिन्दुओं की रूह कॉप रही है। हम बंगाली हिन्दू समाज भारत सरकार से मांग करते है बांग्लादेश पीड़ित और बेघर तथा बेहाल हिन्दुओं के प्रति रक्षा की अविलम्ब व्यवस्था करे या सरनार्थी के रूप में उन्हें भारत में अस्थाई रूप से शरण दें।
समाज सेवी जीवन राय ने कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक उठा पदक शुरू होने के बाद से ही हिंदू समाज के लोगों और उनके मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा था लेकिन जैसे ही तख्तापलट हुआ वैसे ही इन घटनाओं में इजाफा हो गया। बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों ने कब्जा जमा लिया है उन पर सेना और सरकार भी अंकुश नहीं लगा पा रही । लगातार वह हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं जहां माताएं बहने भी सुरक्षित नहीं है । वहां के हालात बेहद खराब हो चुके हैं ऐसे में भारत सरकार शांति की पहल के लिए हस्तक्षेप करें । उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में उन्होंने प्रतिभाग किया था जहां पाकिस्तान ,बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदुओं को भारतीय नागरिकता देने को लेकर विचार विमर्श किया गया था कि किस प्रकार से वहां के पीड़ित अल्पसंख्यकों को यहां की नागरिकता दी जाए जिसके लिए सरलीकरण की प्रक्रिया भी जारी है। भारत सरकार से बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा, मंदिरों की सुरक्षा सहित तमाम मुद्दों पर दखल देने की अपील की हैं।
वही उधर बांग्लादेश में हो रही हिंसा में अबतक सैंकड़ों लोगों की जान चुकी है। बांग्लादेश में रहे रहे हिंदु परिवारों पर भी वहां के कट्टरपंथी लगातार हमले कर रहे हैं। कई परिवार अपना घर बार छोड़ भारत में शरण लेने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने घुसपैठ की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए बांग्लादेश से लगी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है। बीएसएफ की टीम लगातार बार्डर एरिया में सतर्कता बढ़ाए हुए है।
वही वेदना यात्रा के दौरान शिवपद सरकार,के के दास ,नव कुमार सैन ,प्रीति साना,ममता हालदार, श्रीनाथ विश्वास, अशोक विश्वास, विष्णु मंडल ,सुकुमार, वेद ,हीरा मंडल ,रोहित मंडल ,रवि सरकार, काली सरकार ,श्यामल मंडल, अर्जुन विश्वास ,विकास सरकार, मनोज राय संजय इस अनूप दत्त, ध्रुव कुमार ,राकेश ,नंदशेखर गांगुली ,राजेश कुमार, आदित्य राज, राम प्रकाश , बुलबुल राय, सुब्रत विश्वास ,इंद्रजीत पाल, मनोज सैनी ,कुंवर मनराल, हीरालाल वर्मा, राजकुमार ,सोनू शर्मा ,अजय राज शर्मा ,सत्यजीत राठौर ,विमल , मानस बैरागी, हरि राय, कनु मंडल, अजीत विश्वास, देवेंद्र स्वर्णकार ,नारायण महाजन, समीर राय, शंकर चक्रवर्ती आदि मौजूद थे।