ऐतिहासिक नगर जोशीमठ को बचाने के लिए प्रशासन ने लगाई बड़े परियोजनाओं पर रोक

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चमोली: ऐतिहासिक नगर जोशीमठ में जमीन धंसने का सिलसिला बढ़ता ही जा रहा है. जिसे देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने बड़े परियोजनाओं पर रोक लगाई दी है. जिसमें हेलंग बाईपास और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना शामिल है.दरअसल, जोशीमठ में भू-धंसाव की समस्या के मद्देनजर जिला प्रशासन ने बीआरओ के अंतर्गत निर्मित हेलंग बाईपास निर्माण कार्य और एनटीपीसी तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्यों पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. इसके अलावा प्रभावित परिवारों को शिफ्ट करने के लिए जिला प्रशासन ने एनटीपीसी और एचसीसी कंपनियों को अग्रिम रूप से 2-2 हजार प्री-फेब्रिकेटेड भवन तैयार कराने के आदेश भी जारी किए हैं.

वहीं, जोशीमठ में लगातार दरार चौड़ी होती जा रही है. जिससे लोग काफी खौफजदा हैं. बीते साल नवंबर में जमीन धंसने से घरों में दरारें आने की घटनाएं सामने आई थीं. अब यहां धरती फाड़कर जगह-जगह से पानी निकलने लगा है. ऐसी घटनाएं मारवाड़ी क्षेत्र में देखने को मिली है. यहां जमीन धंसने से जेपी कंपनी के मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं, जिसके बाद पूरी कॉलोनी खाली करा ली गई है.
उधर, मामले में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वो एक टीम के साथ खुद जाकर जायजा लेंगे. जानकारी के मुताबिक, जोशीमठ के मारवाड़ी में पिछले कई महीनों से भूस्खलन की घटनाएं हो रही थी, जिसके बाद अचानक बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से लगे जयप्रकाश पावर प्रोजेक्ट की कॉलोनी के अंदर से पानी दीवारों के अंदर से और जमीन के अंदर से फूटकर निकलने लगा.

वहीं, बीती रोज भी जोशीमठ के लोगों ने मशाल जुलूस निकाला था. साथ ही बदरीनाथ हाईवे जाम किया था. जिला प्रशासन की मानें तो प्रशासन की 6 टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही है. जोशीमठ में अभी तक 34 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है. जिसमें से 29 परिवारों को प्रशासन ने जबकि, पांच परिवार खुद शिफ्ट हुए हैं.