अवैध खनन को लेकर बन्नखेड़ा चौकी फिर से सुर्खियों में है। इट्टव्वा गाँव के स्थानीय निवासी राज सिंह ने खनन माफ़िया और स्थानीय पुलिस पर अवैध खनन करने के गंभीर आरोप लगाए है। आवाज़ इंडिया को राज सिंह ने बताया कि इट्टवा गाँव में कई महीनो से अवैध खनन किया जा रहा है जिसकी शिकायत उन्होने बन्नखेड़ा चौकी और बाजपुर कोतवाली में कई बार की लेकिन पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है और खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद होते जा रहे है । पुलिस की शह पर दिन के उजाले में ही नहीं बल्कि रात में भी अवैध खनन किया जाता है । राज सिंह ने आगे बताया कि उनके द्वारा अवैध खनन शिकायत स्थानीय पुलिस से लेकर उधम सिंह नगर के एसएसपी मंजूनाथ टीसी और उत्तराखंड के नवनियुक्त डीजीपी अभिनव कुमार से भी कर चुके है लेकिन अवैध खनन को लेकर पुलिस ने अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की । बल्कि खनन माफियाओं के कहने पर बन्नखेड़ा पुलिस ने उन्हीं पर कई एफआईआर दर्ज़ कर दी जिसमें 323,504,506.354 के साथ बलात्कार की गंभीर धारा 376 भी शामिल है । जिसकी वजह से राज सिंह को जेल जाना पड़ा फिलहाल राज सिंह को सेशन कोर्ट जमानत मिली हुई है । राज सिंह ने बताया कि अवैध खनन कि शिकायत को लेकर स्थानीय खनन माफ़िया उनके दुश्मन बन चुके है और कुछ दिन पहले उन पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया और उनके भतीजे विजय सिंह पर भी जानलेवा हमला किया गया जिसमें उनके भतीजे को गंभीर चोटें आई । जब इसकी शिकायत उन्होने पुलिस में की तो पुलिस ने बड़ी बेशर्मी से हमले को दुर्घटना बताते हुए जांच पूरी करते हुए खानापूर्ति कर दी। बन्नाखेड़ा पुलिस चौकी क्षेत्र के दावका में कोसी नदी का बड़ा भूभाग आता है। बंजारी गेट व ज्वालावन क्षेत्र से निगम की अच्छी आमदनी होती है। और खास कर अवैध खनन रात में किया जाता है ताकि किसी कि नजर न पड़े और अगर कोई शिकायत करता है तो स्थानीय पुलिस और खनन माफ़िया उन्हें डरा धमकाकर चुप करा देते है ।
आपके बता दें बाजपुर क्षेत्र में अवैध खनन का खेल काफी पुराना है पहले भी कई बार बन्नखेड़ा पुलिस चुकी विवादों में रह चुकी है । वर्ष 2020 में अवैध खनन में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता सामने आने पर एसएसपी ने पूरी बन्नखेड़ा चौकी को सस्पेंड कर दिया गया था । बाजपुर क्षेत्र में अब तक 27 पुलिसकर्मी निलंबित और लाइनहाजिर हो चुके हैं। इससे पूर्व सुल्तानपुर पट्टी चौकी तीन बार तो बन्ना खेड़ा दो बार सस्पेंड और लाइन हाजिर हो चुकी है। इसके बाद भी अवैध खनन का खेल बदस्तूर जारी है। अवैध खनन के खेल में स्थानीय स्तर पर पुलिस से लेकर प्रशासनिक मिलीभगत किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में जब कभी अधिकारियों तक शिकायत पहुंचती है तो उन्हें भी गलत रिपोर्ट से भ्रमित कर देते हैं। अगर अधिकारी जांच के लिए पहुंचते तो उनकी रेकी कर खनन माफियाओं को सूचना पहुंचा देते है । जिस वजह से जांच अधिकारियों को मौके पर कुछ नहीं मिलता । फिलहाल राज सिंह जैसे न जाने कितने और लोग है जो अवैध खनन को लेकर मुखर तो होना चाहते है लेकिन जब मित्र पुलिस ही खनन माफियाओं की रक्षक हो तो कोई क्या कर सकता है ।