बागेश्वर उपचुनाव: चुनावी समर में पार्टियों ने कसी कमर! सहानुभूति का दांव चल सकती है भाजपा

Spread the love

उपचुनाव का एलान होने के साथ ही बागेश्वर विधानसभा के चुनावी समर के लिए सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने कमर कस ली है। बागेश्वर सीट पर लगातार भगवा बुलंद करने वाली भाजपा एक बार फिर उपचुनाव में सहानुभूति का दांव चल सकती है। पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के निधन से खाली हुई इस सीट पर दास के परिवार से ही किसी सदस्य को पार्टी मैदान में उतारने की सोच रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सबसे ज्यादा संभावना चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास को उम्मीदवार बनाने की जताई जा रही। हालांकि, चर्चा यह भी है कि पत्नी के अनिच्छुक होने पर उनके सुपुत्र पर दांव लगाया जा सकता है। बहरहाल अभी पार्टी ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जल्द प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। माना जा रहा कि जल्द ही पार्टी उपचुनाव की उम्मीदवारी के लिए संभावित दावेदारों के नामों का पैनल तैयार कर सकती है। चूंकि, नामांकन की प्रक्रिया 10 से 17 अगस्त तक होनी है, इसलिए अभी पार्टी के पास प्रत्याशी का नाम तय करने का समय है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष पिछले दिनों उत्तराखंड दौरे पर थे। दो दिवसीय दौरे में उन्होंने बागेश्वर उपचुनाव की तैयारी को लेकर प्रदेश के शीर्ष नेताओं संग अलग से बैठक की थी। इस बैठक में उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को उपचुनाव की तैयारी में जुटने का आह्वान किया था। पार्टी चंपावत उपचुनाव की तर्ज पर बागेश्वर उपचुनाव में भी रिकार्ड जीत दर्ज करना चाहती है। उपचुनाव में पार्टी की जीत के लिए भाजपा ने संगठन, सरकार के मंत्री और सांसदों को झोंक दिया है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा, प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बिष्ट को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। बागेश्वर विधानसभा में संगठन के चार मंडल हैं। पार्टी सांसद अजय भट्ट व अजय टम्टा को दो-दो मंडलों की जिम्मेदारी दी गई है।