उत्तराखंड के छह जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी! चारधाम यात्रा बाधित

Spread the love

उत्तराखंड में देहरादून समेत आसपास के क्षेत्रों में आजकल धूप और बादलों की आंख-मिचौनी चल रही है। रविवार के बाद सोमवार को भी सुबह से धूप और बादलों के बीच उमस ने बेहाल किया। मौसम विभाग ने आज भी दून में कहीं-कहीं भारी वर्षा होने की आशंका जताई है। तापमान सामान्य से अधिक बना रह सकता है। रुद्रप्रयाग जनपद में सोमवार सुबह तेज बारिश हुई। जिस कारण बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ एवं जवाल्पा पैलेस के समीप अवरूद्ध हो गया है।केदारनाथ हाईवे भटवाड़ी सैण, चंद्रापुरी के समीप, बांसवाड़ा के पास यातायात हेतु अवरुद्ध चल रहा है। मार्ग खुलवाने की कार्यवाही गतिमान है। लगातार हो रही बारिश के चलते अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया है। चमोली में रुद्रप्रयाग-कर्णप्रयाग के मध्य राजमार्ग पर कमेडा में मलबा आने से भारी नुकसान हुआ है। कमेडा में 50 मीटर हाईवे भूस्खलन ने साफ हो गया है। गौचर भट्टनगर में भी रेलवे की पार्किंग का पुस्ता टूटने से साकेतनगर में पार्किंग में खड़े पांच वाहन मलबे में दब गए हैं। बदरीनाथ हाईवे छिनका में बंद पड़ा हुआ है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्रों में लगातार वर्षा हो रही है। वर्षा के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार की रात से नहीं खुला है। राजमार्ग डाबरकोट और अन्य स्थानों पर अवरुद्ध है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी कई स्थानों पर पत्थर और मलबा आया है। वाहनों की आवाजाही जोखिम में हो रही है। जिले के 50 से अधिक संपर्क मार्ग अवरुद्ध हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार सोमवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं।

देहरादून, चमोली, नैनीताल, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में गरज-चमक के साथ तीव्र वर्षा होने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी कहीं-कहीं तेज बौछारों के एक से दो दौर हो सकते हैं। देहरादून जिले के सरखेत-तिमली मानसिंह क्षेत्रवासियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। उपेक्षा का शिकार क्षेत्रवासियों को बीते वर्ष आई आपदा के बाद से ही परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। करीब एक वर्ष से पक्की सड़क का इंतजार कर रहे क्षेत्रवासियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रविवार को पहाड़ों में हुई भारी वर्षा के कारण उफान पर आए रपटे में कच्ची सड़क भी बह गए। इससे ग्रामीणों का संपर्क कट गया है और कई लोग घरों में कैद हो गए। क्षेत्रवासी सहमे हुए हैं और बारिश होने पर रातभर जागने को मजबूर हैं। सरखेत-तिमली मानसिंह ग्राम सभा की प्रधान नीलम देवी ने बताया कि बीते वर्ष अगस्त में क्षेत्र आपदा का शिकार हुआ था। जिसमें जन हानि के साथ ही संपदा का भारी नुकसान हुआ था। क्षेत्र की सड़कें और खेत पानी में बह गए थे। कई माह बाद यहां बाढ़ सुरक्षा कार्य शुरू हुए और कच्ची सड़कें तैयार की गईं। हालांकि, कार्य बेहद सुस्त गति से चला और अभी तक क्षेत्र की स्थिति जस की तस बनी हुई है। ऐसे में रविवार को मालदेवता नदी के आसपास के रपटे और गदेरे उफान पर आ गए। जिससे लाखों की लागत से तैयार की गई कच्ची सड़क और बाढ़ सुरक्षा के इंतजाम बह गए। इसके साथ ही खेतों और घरों को भी नुकसान पहुंचा। ग्राम प्रधान ने बताया कि उन्होंने प्रशासन को भी नुकसान की सूचना दी है। हालांकि, बीते वर्ष की आपदा के जख्म भी नहीं भरे कि इस वर्ष भी मानसून क्षेत्रवासियों की आफत बढ़ा रहा है।