गंगोत्री बस हादसा: यात्रियों के लिए जीवन रक्षक बनी चार साल पहले दुर्घटनाग्रस्त ट्रक की बॉडी

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उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी के समीप दुर्घटनाग्रस्त बस में सवार श्रद्धालुओं के लिए चार साल पहले खाई में गिरा ट्रक जीवन रक्षक साबित हुआ। श्रद्धालुओं की बस खाई में गिरने के बाद पहले से उसी जगह पर गिरे ट्रक की बॉडी से टकराकर रुक गई। इससे बस में सवार कई यात्रियों की जान बच गई। यदि ट्रक की बॉडी से बस नहीं रुकती तो बड़ा हादसा हो सकता था।

रविवार को उत्तरकाशी में गंगनानी के समीप गुजरात के श्रद्धालुओं की बस दुर्घटनाग्रस्त होकर गहरी खाई में गिर गई थी। जिसमें सात लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 28 घायल हो गए थे। दुर्घटना में घायल 14 लोगों को एम्स में भर्ती कराया गया है। घायलों के साथ पुलिस-प्रशासन की ओर से पुलिसकर्मी अजय रमोला को एम्स भेजा गया है। अजय रमोला ने बताया कि वह रेस्क्यू के दौरान घटना स्थल पर थे। बताया कि जिस स्थान पर बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है उसी स्थान पर करीब पांच वर्ष पूर्व सेब से भरा एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। ट्रक मालिक ने दुर्घटनाग्रस्त ट्रक को खाई से नहीं निकाला था। रविवार को श्रद्धालुओं की दुर्घटनाग्रस्त बस उक्त ट्रक की बॉडी और एक पेड़ पर अटक गई। यदि बस इन दोनों के बीच नहीं अटकती तो नीचे गहरी खाई में गिरने से कई और लोगों की जान जा सकती थी। रमोला ने बताया कि पांच साल पहले दुर्घटनाग्रस्त हुए ट्रक ने कई लोगों की जान बचा ली। एम्स में भर्ती दुर्घटना में घायल सुरेश भाई और मनीष भाई ने बताया कि वाहन चालक काफी तेज गति से वाहन चला रहा था। तीव्र मोड़ों पर भी बस की स्पीड कम नहीं कर रहा था। सुरेश भाई ने बताया कि वह पहली बार पहाड़ की यात्रा कर रहे थे, इसलिए उन्हें लगा कि पहाड़ में बस ऐसे ही चलती होगी। सुरेश भाई ने बताया कि छह से सात पलटी खाने के बाद बस एक पेड़ और एक अन्य चीज पर अटक गई। यदि बस अटकती नहीं तो बहुत जानें जाती। घायल सुरेश भाई ने बताया कि उनके लिए कांवड़िये और स्थानीय ग्रामीण देवदूत बनकर आए। दुर्घटनाग्रस्त बस के पीछे कांवड़ियों का वाहन आ रहा था। साथ ही एक वाहन ग्रामीणों का भी था। दुर्घटना होते ही कांवड़ियों और ग्रामीणों ने रेस्क्यू शुरू किया। पुलिस के पहुंचने से पहले ही इन्होंने कई घायलों का निकाल लिया था।