ऋषिकेश ट्रांजिट कैंप में रुके तीर्थयात्रियों का सब्र टूटा जवाब दे गया। खुले आसमान में सोने को मजबूर तीर्थयात्री ने आज हंगामा कर दिया। अब तक 500 बसों की बुकिंग निरस्त हो चुकी हैं। पंजीकरण की नई गाइडलाइन के चलते प्रदेश में पहले ही यात्रा के लिए पहुंच चुके यात्रियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है। कई दिनों से ट्रांजिट कैंप में रुके तीर्थयात्रियों ने आज अपना विरोध जताया।
यात्रा व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है। बृहस्पतिवार को गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय व आईजी करन नगन्याल ने मोर्चा संभाल व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने का प्रयास किया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। ट्रांजिट कैंप में प्रशासन के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। यहां हर कोने में तीर्थ यात्री अपनी बसों के साये में खुले में सोने को मजबूर हैं। प्रशासन ने दावा किया था कि जिन यात्रियों को पंजीकरण के लिए रुकना पड़ेगा उनकी रहने और खाने की व्यवस्था प्रशासन करेगा। जबकि तीर्थयात्री स्वयं की व्यवस्था से भोजन बना रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि अब भोजन सामग्री भी समाप्त होने को है। ट्रांजिट कैंप में कई यात्री 11 मई से हैं। अब उनका सब्र जवाब देने लगा है। ग्वालियर के मुल्लू सिंह ने बताया कि वह 50 लोगों के साथ ट्रांजिट कैंप में 11 मई को पहुंच चुके थे। लेकिन आज तक उनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। उनका यात्रा शेड्यूल 12 मई से 22 मई तक का था। लेकिन अब 19 मई तक रजिस्ट्रेशन ही नहीं होगा। उत्तराखंड प्रशासन की कमी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है। ग्वालियर मध्य प्रदेश की ममता जैन ने बताया कि वह अपने पति के साथ चारधाम यात्रा के लिए आई है। 13 मई का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन था। लेकिन ट्रांजिट कैंप में मौजूद अधिकारियों ने उन्हें कहा कि यह रजिस्ट्रेशन मान्य नहीं है। इसलिए आप नहीं जा सकते। ममता ने कहा कि उनके अन्य साथी यात्रा पर जा चुके हैं। लेकिन उन्हें जबरन रोक दिया गया है। ममता ने अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी दिखाया। बृहस्पतिवार को प्रशासन ने चेकिंग के नाम पर भद्रकाली में वाहनों को रोकना शुरू किया। इस दौरान भद्रकाली से नटराज चौक तक करीब डेढ़ किमी के दायरे में जाम भी लग गया।