पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के असभ्य बयान पर भारत की लताड़, कहा भूल गये 1971 के दिन

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नई दिल्ली. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) की असभ्य टिप्पणी को लेकर भारत ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई है. भारत की ओर से कहा गया है कि ऐसी टिप्पणियां पाकिस्तान का निचला स्तर दिखाती हैं. भारत की ओर से कहा गया है कि मेक इन पाकिस्तान टेररिज्म को बंद होना होगा. इस संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ये टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 में इस दिन को भूल गए हैं, जो पाकिस्तानी हुक्मरानों की तरफ से जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ किए गए नरसंहार का साफ नतीजा था. दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं किया है. इसमें निश्चित रूप से भारत पर आरोप लगाने का पाकिस्तान को कोई भी अधिकार नहीं है.

बागची ने आगे कहा कि, जैसा कि हाल के सम्मेलनों और कार्यक्रमों से जाहिर हो रहा है, वैश्विक एजेंडे में आतंकवाद का मुकाबला शीर्ष पर बना हुआ है. आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को प्रायोजित करने, शरण देने और सक्रिय रूप से उनकी फंडिंग करने में पाकिस्तान की निर्विवाद भूमिका सवालों के घेरे में है. उन्होंने कहा, पाकिस्तान विदेश मंत्री का असभ्य बयान आतंकवादियों का इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की बढ़ती अक्षमता की वजह से है.

“मेक इन पाकिस्तान” आतंकवाद को रोकना होगा
विदेश मंत्रालय ने कहा कि न्यूयॉर्क, मुंबई, पुलवामा, पठानकोट और लंदन जैसे शहर उन कई शहरों में से हैं, जो पाकिस्तान प्रायोजित, समर्थित और उकसाने वाले आतंकवाद के निशान झेल रहे हैं. उन्होंने कहा यह हिंसा उनके विशेष आतंकवादी क्षेत्रों से निकली है और दुनिया के सभी हिस्सों में निर्यात की गई है. “मेक इन पाकिस्तान” आतंकवाद को रोकना होगा.

विदेश मंत्रालय ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को और फटकारते हुए कहा, “पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को शहीद के रूप में महिमामंडित करता है, और लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों को आश्रय देता है. कोई अन्य देश 126 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी और 27 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी संस्थाओं का अपने यहां होने का दावा नहीं कर सकता है!”

‘आतंकवाद पाकिस्तान की राज्य नीति का हिस्सा’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मुंबई की नर्स सुश्री अंजलि कुलथे की गवाही को अधिक गंभीरता से सुना होता, जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब की गोलियों से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी. जाहिर है, विदेश मंत्री की दिलचस्पी पाकिस्तान की भूमिका में लीपापोती करने में ज्यादा थी.

बागची ने कहा, पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हताशा पाकिस्तान के आतंकवादी मास्टरमाइंडों के प्रति बेहतर तरीके से निर्देशित होगी, जिन्होंने आतंकवाद को अपनी राज्य नीति का हिस्सा बना लिया है. पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने या अछूत बने रहने की जरूरत है.