नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में कहा कि निशुल्क शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्तखोरी नहीं हैं और अगर लोगों को ये सुविधाएं दी जाएं तो भारत दुनिया का नंबर 1 देश बन सकता है.
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्रसाल स्टेडियम में ध्वजारोहण के बाद सीएम केजरीवाल ने कहा कि लोगों को अच्छा इलाज देना फ्री की रेवड़ी नहीं है. लोगों को इलाज के लिए जेवर और जमीन बेचने पड़ते हैं. हमें प्रण लेना होगा कि 130 करोड़ में से कोई बीमार हो तो सब मिलकर उसका इलाज कराएंगे. सभी अमीर देशों में लोगों का इलाज फ्री है, हमें इंश्योरेंस की ज़रूरत नहीं, अस्पताल की ज़रूरत है.
उन्होंने कहा, ‘शिक्षा को फ्री बी मत कहिये. मां-बाप अपने बच्चे को फ्री बी नहीं देते. ये हमारे बच्चे हैं, पैसे की कमी है तो एक वक़्त की रोटी कम खा लेंगे लेकिन बच्चों को फ्री और अच्छी शिक्षा देंगे. 39 देश फ्री शिक्षा देते हैं. सिर्फ शिक्षा से एक पीढ़ी में भारत अमीर देश हो जाएगा.’
इस तथ्य पर दुख व्यक्त करते हुए कि भारत के बाद स्वतंत्रता हासिल करने वाले कई देश उससे आगे निकल गए हैं उन्होंने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल एक समृद्ध देश बनने की कुंजी है. केजरीवाल ने कहा, ‘तिरंगा तभी ऊंची उड़ान भरेगा, जब हर भारतीय को बेहतर शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी. सभी को देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ की शुभकामनाएं. देश खुशी एवं उत्साह से भरा है. आबोहवा में देशभक्ति और जुनून की लहर है.’
अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘आने वाला कल भारत का है और देश के 130 करोड़ लोगों को एक साथ आने तथा भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने का संकल्प करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘हमने एकसाथ आकर ब्रिटिश शासन को देश से निकाला था. आज, अगर हम साथ आएं तो भारत को दुनिया का नंबर एक देश बना सकते हैं.’
स्वतंत्रता सेनानियों और देश के विकास एवं प्रगति के लिए संघर्ष करने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि यह विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति का जश्न मनाने का समय है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हालांकि हमें चुनौतियों और भविष्य के बारे में सोचने की जरूरत है. कई लोग पूछ रहे हैं कि 75 वर्षों में कई देश हमसे आगे कैसे निकल गए. भारत के 15 साल बाद आजाद होने वाला सिंगापुर और दूसरे विश्व युद्ध में तबाह हुआ जापान हमसे आगे निकल गया. हम किसी से कम नहीं हैं. भारतीय दुनिया में सबसे बुद्धिमान, मेहनती लोग हैं लेकिन फिर भी हम पिछड़ गए हैं.’
हालांकि मंदी और विश्व्यापी आर्थिक तंगी को देखते हुए किसी भी सरकार के लिए केजरीवाल की योजनाओं को धरातल पर लाना आसान नही होगा.