बड़ी खबरः कौन है फिलिस्तीन का बिन लादेन! जिसने हमास की ओर से संभाला मोर्चा, जेल में 24 साल बिता चुका है याह्या सिनवार

Spread the love

नई दिल्ली। इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है। यह जंग तब शुरू हुई जब हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हजारों रॉकेट्स दाग दिए थे। जिसके बाद से ही दोनों ओर से मिसाइलें और मोर्टार दागे जा रहे हैं और लगातार हमले किए जा रहे हैं। आतंकी संगठन हमास की ओर से याह्या सिनवार ने मोर्चा संभाला हुआ है। इजरायली सेना ने इसकी तुलना अमेरिका में 9/11 हमला करने वाली आतंकी ओसामा बिन लादेन से की है और इसे बुराई का चेहरा बताया है। याह्या सिनवार को इजरायली सेना ने मारने के लिए कसम खा रखी है। याह्या सिनवार को इजरायल ने मुर्दा घोषित कर रखा है। इजरायल ने कहा है कि उसकी तलाश तेज कर दी गई है। सिनवार को ऐसे समय में तलाशा जा रहा है जब गाजा पर हमले की तैयारियां तेज हो चुकी हैं। इजरायल की सेना ने शनिवार को हमास के तीन कमांडर बिलाल अल-कादरा, मुराद अबु मुराद और अली कधी को ढेर कर दिया है। गाजा में हमास के मुखिया 60 साल के सिनवार को आईडीएफ ने ‘फिलिस्तीन का बिन लादेन’ कहा है। सिनवार को साल 2015 में अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया गया था। उसे इजरायल द्वारा कई बार गिरफ्तार किया जा चुका हे और उसने 24 साल जेल में बिताए हैं।

कौन है सिनवार?
1962 में जन्मा सिनवार दक्षिण गाजा के खान यूनिस शहर में पला-बढ़ा। यह इलाका उस समय मिस्र के नियंत्रण में था। इजरायली सेना इसके गृहनगर को खान यूनिस का कसाई के नाम से पुकारती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिनवार का परिवार पहले अश्कलोन में बसा था, जो दक्षिण इजरायल में है। सिनवार के पास गाजा में इस्लामिक विश्वविद्यालय से अरबी अध्ययन में स्नातक की डिग्री है। यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के अनुसार सिनवार ने आतंकी समूह के आंतरिक सुरक्षा बल को तैयार किया। 1989 में इजरायली सैनिकों और फिलिस्तीनी सहयोगियों की हत्या में उसकी भूमिका के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सलाखों के पीछे रहने के बावजूद वह समूह में मजबूत होता गया। उसने अपने दुश्‍मन की भाषा हिब्रू को बोलना भी सीख लिया।

कैसे हुआ जेल से रिहा?
सिनवार को साल 2011 में रिहा किया गया था। एक इजरायली सैनिक गिलाद शालित के बदले में उसे आजादी मिली थी। उस समय इजरायल ने 1000 से ज्‍यादा फिलीस्तीनियों को रिहा गया था। शालित को हमास ने बंधक बना लिया था और पांच साल तक अपनी कैद में रखा था।