महीनों से जारी तनाव के बाद आखिकार रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया है। बीते चार दिन से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी हैं जिससे यूक्रेन को काफी नुकसान पहुंचा है। रूसी सेना ने यूक्रेन की राजधानी समेत कई इलाकों में आक्रमण किया है। जिसमें दोनों पक्षों के सैनिकों के साथ आम यूक्रेनी नागरिक भी मारे गए हैं। दोनों देशों के बीच हालात संभलने के बजाए बिगड़ते ही जा रहें हैं, जिसके चलते कई यूक्रेनी नागरिको ने अपना देश छोड़ आस पास के देशों में शरण ले ली हैं।
वहीं दूसरी ओर रूस अपने कदम पीछे लेने को तैयार नहीं हैं, जिसके चलते रूस पर लगातार कई प्रतिबंध लगाए जा रहे है, तो वहीं अब संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, कनाडा, इटली, ग्रेट ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने रविवार को रूस को स्विफ्ट ग्लोबल पेमेंट सिस्टम से बाहर करने का ऐलान किया है। रूस के खिलाफ यह सबसे मजबूत आर्थिक प्रतिबंध हो सकता है, क्योंकि यह संभावित रूप से रूस को अंतरराष्ट्रीय भुगतान प्राप्त करने से रोक देगा।
जानिये क्या हैं यह SWIFT जो रूस को आर्थिक रूप से कमजोर कर देगा–
SWIFT क्या है?
SWIFT ( Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunications) दुनिया भर में बैंकों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है, जो विश्व स्तर पर सुचारू धन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है। इसकी स्थापना टेलेक्स प्रणाली पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए 3 मई 1973 में की गई थी, इसका मुख्यालय बेल्जियम के ब्रूसेल्स में स्थित हैं। इसका उपयोग टेक्सट मैसेज भेजने के लिए किया जाता हैं। स्विफ्ट 200 से ज्यादा देशों में 11 हजार से ज्यादा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन एवं कंपनीज के बीच मैसेज के तौर पर सुरक्षित संचार प्रदान करता है।
SWIFT से प्रतिबंधित होने के बाद रूस पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा–
रूस के स्विफ्ट से बाहर होने के बाद रूस में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पैसों को लेनदेन नहीं हो पाएगा। जिससे रूस को विदेशी करेंसी नहीं मिल पाएगी। जिस कारण रूस की कंपनियां और उसकी अर्थव्यवस्था पर इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ेगा।
तो वहीं इससे दूसरे देशों को रूस से मिलने वाले संसाधन जैसे- गैस, तेल और विभिन्न धातु भी प्राप्त नहीं हो सकेगी।
क्यों खास हैं SWIFT
स्विफ्ट इसलिए खास हैं क्योंकि इसके जरिए एक दिन में औसतन 4 करोड़ मैसेज भेजे जा सकते हैं और इनमें बैंकिंग ईकोसिस्टम से जुड़े विवरण भी शामिल हैं।