बांग्लादेश में फिर हिंदू समुदाय बना निशाना, ठाकुरगांव में 14 मंदिरों में तोड़फोड़, मूर्तियों को तालाब में फेंका गया

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ढाका। बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा घटना में ठाकुरगांव जिले में 14 हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ हुई है। इन मंदिरों की मूर्तियों को तोड़कर तालाब में फेंका गया। अराजकतत्वों ने मंदिरों में तोड़फोड़ की, लेकिन पुलिस ने अब तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की है। इससे पहले बांग्लादेश में कई बार हिंदू मंदिरों पर हमला कर उन्हें नष्ट करने और हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले कर हत्या करने की घटनाएं हो चुकी हैं। बांग्लादेश की सरकार भी हिंदू विरोधी ऐसी घटनाओं पर आज तक कोई प्रभावी रोक नहीं लगा सकी है।

बांग्लादेश की कुल आबादी में हिंदू लगातार कम होते जा रहे हैं। हिंदू वहां की आबादी में 2 फीसदी से भी कम बचे हैं। पहले जब ये पूर्वी पाकिस्तान था, तब भी हिंदुओं पर खूब कहर बरपाया गया। 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद उम्मीद थी कि अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के दिन बहुरेंगे, लेकिन हिंदू समुदाय को निशाना बनाने की घटनाएं अब भी बदस्तूर जारी हैं। हिंदू समुदाय के तमाम लोग इसी वजह से हर साल पलायन करते हैं और ज्यादातर शरणार्थियों के रूप में भारत आते हैं। केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के इन्हीं अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और जैन समुदाय को नागरिकता देने के लिए सीएए कानून बनाया है।

बांग्लादेश में हर बार हिंदू विरोधी हिंसा की घटना का भारत कड़ा विरोध करता है। हर बार बांग्लादेश की सरकार की तरफ से आगे से ऐसी घटनाएं न होने देने की बात कही जाती है, लेकिन ठाकुरगांव में हुई ताजा घटना से साफ है कि सरकार भी कट्टरपंथियों के सामने एक तरह से झुक चुकी है। हालांकि, बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना वाजेद ने हमेशा कट्टरपंथ को देश के लिए खतरा बताया है। उम्मीद कम ही है कि ठाकुरगांव में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई होगी। जबकि, कार्रवाई न होने से कट्टरपंथियों के हौसले और बुलंद होते जाते हैं।