नई दिल्ली: बीटिंग द रिट्रीट के साथ ही शनिवार को विजय चौक पर गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो गया। शनिवार शाम को हुए बीटिंग द रीट्रीट सरेमनी में सेनाओं के बैंड्स की मनोहर धुन बजाकर लोगो के अंदर देशभक्ति का जुनून भर दिया।
समारोह में राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राम नाथ कोविन्द भी शामिल हुए।
ऐसा पहली बार हुआ जब बीटिंग द रिट्रीट समारोह में 1000 स्वदेशी ड्रोन्स आकाश में जगमगाते हुए दिखाई दिए। इसके साथ लेजर प्रोजेक्शन के माध्यम से भारतीय स्वंतत्रता संग्राम की यात्रा को बताया गया। यह सभी ड्रोन को सॉफ्टवेयर जैसे फ्लाइट कंट्रोलर, जीपीएस, मोटर नियंत्रक, ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) एल्गोरिदम जैसी तकनीकि चीजों से लैस थे।
वहीं इस बार बीटिंग रिट्रीट समारोह के दौरान लेजर प्रोजेक्शन के माध्यम से दिल्ली के विजय चौक में भारत के स्वतंत्रता संग्राम और आजादी के बाद की यात्रा को बताया गया।
कार्यक्रम में कुल 26 धुनें बजाई गई
कार्यक्रम में भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के बैंड द्वारा 26 धुन बजाई गई। जिसमें एंट्री बैंड ‘ वीर सैनिक ‘ की धुन बजाते हुए मास बैंड शामिल हुआ। इसके बाद पाइप्स एंड ड्रम बैंड, सीएपीएफ बैंड, एयर फोर्स बैंड, नेवल बैंड, आर्मी मिलिट्री बैंड और मास बैंड ने धुन बजाई।
कार्यक्रम का समापन ‘ सारे जहां से अच्छा ‘ धुन के साथ हुआ।
क्या होता हैं बीटिंग द रीट्रीट समारोह
बीटिंग द रीट्रीट रिपब्लिक डे सेलीब्रेशन का एक अभिन्न अंग होता है। गणतंत्र दिवस के आखिरी दिन बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है। जिसके बाद आधिकारिक रूप से गणतंत्र दिवस के आयोजनों का समापन होता है। हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है।
बीटिंग रिट्रीट ब्रिटेन की बहुत पुरानी परंपरा है, इसका असल नाम ‘वॉच सेटिंग’ है और यह सूर्य डूबने के समय मनाया जाता है, भारत में बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी की शुरुआत सन 1950 से हुई थी।