नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने बाबासाहेब अम्बेडकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा की “जिस संविधान के मुख्य वास्तुकार बाबासाहेब थे, उस संविधान ने हमें संसदीय प्रणाली का आधार दिया। इस संसदीय प्रणाली की मुख्य जिम्मेदारी देश के प्रधानमंत्री के पद पर रही है। यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे प्रधानमंत्री का संग्रहालय राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवारों को भी बधाई दी और बधाई दी।
प्रधान मंत्री ने कहा, “जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो यह संग्रहालय एक भव्य प्रेरणा के रूप में आया है। इन 75 वर्षों में देश ने कई गौरवपूर्ण क्षण देखे हैं। इतिहास की खिड़की में इन पलों का महत्व अतुलनीय है।
प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद से सभी सरकारों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “स्वतंत्र भारत में बनी हर सरकार ने देश को आज जिस ऊंचाई पर ले जाने में योगदान दिया है। यह बात मैं लाल किले से भी कई बार दोहरा चुका हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संग्रहालय भी हर सरकार की साझी विरासत का जीवंत प्रतिबिंब बन गया है।” प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के हर प्रधानमंत्री ने संवैधानिक लोकतंत्र के लक्ष्यों को हासिल करने में अमूल्य योगदान दिया है। “उन्हें याद करना स्वतंत्र भारत की यात्रा को जानना है। यहां आने वाले लोग देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदान, उनकी पृष्ठभूमि, उनके संघर्ष और रचनाओं से परिचित होंगे।
प्रधान मंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा की कई प्रधान मंत्री सामान्य परिवारों से आते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं के बेहद गरीब, किसान परिवारों के प्रधानमंत्री के पद तक पहुंचने से भारतीय लोकतंत्र और इसकी परंपराओं में विश्वास मजबूत होता है। “यह देश के युवाओं को भी विश्वास दिलाता है कि एक सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सर्वोच्च पदों पर पहुंच सकता है”, श्री मोदी ने कहा। प्रधानमंत्री ने आशा व्यक्त की कि संग्रहालय युवा पीढ़ी के अनुभव का विस्तार करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे युवा स्वतंत्र भारत के प्रमुख अवसरों के बारे में जितना अधिक जानेंगे, उनके निर्णय उतने ही प्रासंगिक होंगे।
भारत के समृद्ध इतिहास और समृद्ध युग को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत की विरासत और वर्तमान की सही तस्वीर के बारे में जागरूकता फैलाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विदेशों से चुराई गई विरासत को वापस लाने के सरकार के प्रयास, गौरवशाली विरासत के स्थानों का जश्न मनाना, जलियांवाला स्मारक, बाबासाहेब की याद में पंचतीर्थ, स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय, आदिवासी इतिहास संग्रहालय जैसी जगहों पर स्वतंत्रता सेनानियों की यादों को संजोना इस दिशा में कदम हैं।
Anil Kumar
Editor