प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गांधीनगर में ग्लोबल आयुष निवेश और नवोन्मेष शिखर सम्मेलन 2022 का किया उद्घाटन

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में ग्लोबल आयुष निवेश और नवोन्मेष शिखर सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया। तीन दिवसीय आयुष वैश्विक शिखर सम्मेलन में उद्यमियों, उद्योग, स्टार्टअप और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत होगी ताकि उन्हें आयुष में नवाचार के लिए निवेश बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके क्योंकि इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं।
उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हम पहले से ही आयुष औषधियों, सप्लीमेंट्स और सौंदर्य प्रसाधनों के उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि देख रहे हैं। 2014 में जहां आयुष क्षेत्र 3 अरब डॉलर से भी कम था, आज वह बढ़कर 18 अरब डॉलर को पार कर गया है। आयुष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पिछले वर्षों में अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं।”
प्रधानमंत्री द्वारा आयुष क्षेत्र में अनेक नई पहलों की घोषणा में, सबसे पहले आयुष उत्पादों के लिए एक विशेष आयुष चिह्न था। इससे पूरी दुनिया के लोगों को गुणवत्तापूर्ण आयुष उत्पादों का भरोसा मिलेगा। सरकार देश भर में आयुष उत्पादों के प्रचार, अनुसंधान और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए आयुष पार्कों का एक नेटवर्क विकसित करेगी। ‘आयुष आहार’ नाम की एक नई श्रेणी की घोषणा की गई, जो हर्बल पोषक तत्वों वाले सप्लीमेंट्स के उत्पादकों को बहुत सुविधा प्रदान करेगी।
इसके अलावा, आयुष चिकित्सा का लाभ लेने के लिए भारत आने के इच्छुक विदेशी नागरिकों के लिए एक और बड़ी पहल की घोषणा की गई। भारत जल्द ही एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी पेश करेगा। वर्तमान युग को यूनिकॉर्न का युग बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्ट-अप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा, “मुझे यकीन है कि हमारे आयुष स्टार्ट-अप से बहुत जल्द ही यूनिकॉर्न निकलेंगे।”
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप इंडिया के सहयोग से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) द्वारा आयोजित ‘आयुष स्टार्ट-अप चैलेंज’ के विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए। उद्घाटन सत्र में वैश्विक संस्थानों और सरकारों के बीच 5 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी शामिल थे। आयुर्वेद और चिकित्सा की अन्य परम्परारगत प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) का अर्जेंटीना के साथ समझौता ज्ञापन, आयुर्वेद में शैक्षणिक सहयोग स्थापित करने पर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और ब्राजील के बीच त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और यूनिवर्सिटी हेल्थ नेटवर्क, टोरंटो (यूएचएन), कनाडा के बीच समझौता ज्ञापन, यूनिवर्सिडैड ऑटोनोमा डी न्यूवो लियोन (यूएएनएल), मैक्सिको में आयुर्वेद की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन और एनआईए, जयपुर और फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल एंड ऑल्टरनेटिव हेल्थ केयर (पीआईटीएएचसी) के बीच समझौता ज्ञापन।
सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. टेड्रोस ने कहा कि आयुष क्षेत्र 2014 से प्रति वर्ष 17 प्रतिशत की दर से उल्लेखनीय रूप से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के अंत तक आयुष उद्योग के 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। “हम ऐसे मामलों में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रभाव का दस्तावेजीकरण करने के लिए नवीन अध्ययन डिजाइन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग का पता लगा रहे हैं, जब मानक आकस्मिक परीक्षण संभव नहीं हैं या शुरू करना मुश्किल है। बेहतर स्वास्थ्य परिणामों, आर्थिक लाभ और समग्र प्रभाव को बढ़ावा देने के लिए समुदायों द्वारा पारंपरिक चिकित्सा का व्यवहारिक आधार मजबूत कर इसके उपयोग की सुविधा होनी चाहिए।