संघर्षग्रस्त सूडान से भारतीयों को निकालने का मेगा अभियान जारी है। अब तक समुद्र और हवाई रास्ते से सैकड़ों भारतीयों को सूडान से सुरक्षित निकाला गया है। भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सुमेधा से पहले 278 भारतीयों को पोर्ट सूडान के रास्ते सऊदी अरब के जेद्दा लाया गया था। इसके बाद भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमानों की कई उड़ानों से भारतीयों को पोर्ट सूडान से बाहर निकाला गया। इन विमानों से पहले 148, दूसरी बार 135 और फिर 121 भारतीय सूडान से जेद्दा तक पहुंचाए गए। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक अभी एक और वायुसेना की फ्लाइट पोर्ट सूडान से जेद्दा के लिए होने वाली है। इसके जरिए भी करीब 150 भारतीयों को वहां से सकुशल जेद्दा पहुंचाया जाएगा।
इससे पहले सऊदी अरब ने अपने नागरिकों के साथ ही कुछ भारतीयों को सूडान से सकुशल निकाला था। भारत ने सऊदी अरब से अपने नागरिकों को निकालने का आग्रह किया था। सऊदी अरब, भारत का पुराना मित्र देश है। उसने भारत के आग्रह पर तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए भारतीयों को पोर्ट सूडान से जेद्दा पहुंचाने का काम किया था। सूडान में करीब 4000 भारतीय फंसे हुए थे। अब इनको निकालने का काम जारी है। ईद के मौके पर सूडान में संघर्षरत सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच 72 घंटे तक लड़ाई न करने के समझौते से विदेशियों को वहां से निकालने का मौका मिल रहा है।
सूडान की सेना एसएएफ का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान और विरोधी अर्धसैनिक बल आरएसएफ का नेतृत्व मोहम्मद हमदान डागालो के पास है। दोनों ही अपने रुख पर अड़े हुए हैं। ऐसे में संघर्ष विराम की 72 घंटे की मोहलत पूरी होने के बाद एक बार फिर सूडान में तगड़ा संघर्ष छिड़ने के पूरे आसार बने हुए हैं। सूडान की सेना ने 2021 में तख्तापलट किया था। तबसे संप्रभुता परिषद के हिसाब से वहां शासन चल रहा है। वहीं, अर्धसैनिक बल फिर से लोकतांत्रिक सरकार लाने की कोशिश कर रहा है। इसी वजह से दोनों पक्षों में जमकर संघर्ष हो रहा है। इस संघर्ष में अमेरिका के एक नागरिक की मौत भी हुई है।