नई दिल्ली। शराब नीति पर घिरे दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गृह मंत्रालय ने ‘फीडबैक यूनिट’ जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
‘फीडबैक यूनिट’ जासूसी मामले में मनीष सिसोदिया पर केस दर्ज करने की मंजूरी
गृह मंत्रालय ने सीबीआई को फीडबैक यूनिट के जरिए जासूसी कराने के आरोपों पर मनीष सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज करने और जांच करने के आदेश दिए हैं। सीबीआई ने हाल ही में दिल्ली सरकार की ‘फीडबैक यूनिट’ पर जासूसी का आरोप लगाते हुए डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और अन्य अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी।
दरअसल, मनीष सिसोदिया पर विपक्षी नेताओं की जासूसी कराने का आरोप है। इस मामले में सीबीआई ने गृह मंत्रालय से दिल्ली डिप्टी सीएम पर केस चलाने की अनुमति मांगी थी।
Ministry of Home Affairs has given sanction to prosecute Delhi Deputy CM Manish Sisodia under the Prevention of Corruption Act in the 'Feedback Unit' alleged snooping case pic.twitter.com/mEZfVt8K0g
— ANI (@ANI) February 22, 2023
क्या है मामला?
आरोप है कि साल 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार ने अफसरों की जासूसी करवाई थी जिसके लिए फीडबैक यूनिट का गठन किया गया था। CBI का दावा है कि जांच में ये आरोप सही पाए गए हैं इसलिए अब मनीष सिसोदिया के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। सीबीआई की जांच में यह भी पाया गया था कि केजरीवाल सरकार ने भाजपा नेताओं की भी जासूसी करवाई थी।
2015 में हुआ था फीडबैक यूनिट का गठन
दिल्ली सरकार द्वारा 2015 में गठित फीडबैक यूनिट (FBU) में 20 अधिकारियों के साथ काम करना शुरू किया गया था। आरोप है कि FBU ने फरवरी 2016 से सितंबर 2016 तक राजनीतिक विरोधियों की जासूसी की। यूनिट ने न सिर्फ बीजेपी के बल्कि AAP से जुड़े नेताओं पर भी नजर रखी। इतना ही नहीं यूनिट के लिए LG से भी कोई अनुमति नहीं ली गई।