विशाखापट्टनम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में 12वें प्रेसिडेंट फ्लीट रिव्यू के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ तीनो सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहें। राष्ट्रपति ने रिव्यू कार्यक्रम के दौरान 60 से ज्यादा जहाजों, पनडुब्बियों और 55 विमानों वाले भारतीय नौसेना बेड़े की समीक्षा की।
राष्ट्रपति फ्लीट रिव्यू की शुरुआत 21 तोपों की सलामी के साथ हुई। राष्ट्रपति कोविंद ने समीक्षा के दौरान नौसेना के बेड़े की क्षमता का जायजा लिया।
यॉट ने नौसेना, तटरक्षक, एससीआई और एमओईएस से पिछले 44 जहाजों को रवाना किया, जो विशाखापत्तनम के लंगर में चार स्तंभों में पंक्तिबद्ध थे, जो पूरे प्रदर्शन में देश की समुद्री शक्ति का प्रदर्शन करते थे।

बेड़े की स्थिर समीक्षा के एक भाग के रूप में एक शानदार फ्लाईपास्ट का आयोजन किया गया। समीक्षा के अंतिम चरण के दौरान, युद्धपोतों और पनडुब्बियों के एक मोबाइल कॉलम ने राष्ट्रपति की नौका के साथ हाई-स्पीड स्टीम पास्ट किया।
जिसके बाद राष्ट्रपति ने चेतक, ALH, सी किंग्स, KAMOVs, डोर्नियर्स, IL-38SD, P8I, हॉक्स और मिग 29K सहित 55 विमानों द्वारा एक समग्र फ्लाईपास्ट के प्रदर्शनों को भी देखा।
समीक्षा के दौरान बेड़े को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि भारतीय नौसेना की निरंतर सतर्कता, घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया और अथक प्रयास समुद्रों और समुद्री आमों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अत्यधिक सफल रहे हैं जो हमारे व्यापार और ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण हैं।

राष्ट्रपति ने भारतीय नौसेना के तेजी से आत्मनिर्भर होने और ‘मेक इन इंडिया’ पहल में सबसे आगे होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देश भर के विभिन्न सार्वजनिक और निजी शिपयार्डों में निर्माणाधीन कई युद्धपोतों और पनडुब्बियों की लगभग 70 प्रतिशत सामग्री स्वदेशी है। उन्होंने कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि भारत ने परमाणु पनडुब्बियां बनाई हैं और जल्द ही हमारे पास स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ सेवा में शामिल होगा।