चुनाव आयोग जल्द ही वोटिंग प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। इस बदलाव को अगर हरी झंडी मिल गयी तो भारत का कोई भी नागरिक देश के किसी भी कोने से अपना वोट डाल सकेगा,वोट डालने के लिए अपने गृह क्षेत्र में जाने की ज़रूरत नही पड़ेगी।
जी हाँ!चुनाव आयोग जल्द ही रिमोट वोटिंग के लिए प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन RVM लेकर आ रहा है ये मशीन एक पोलिंग बूथ से तकरीबन 72 अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों में वोटिंग करवाने में सक्षम होगी।
इस नये बदलाव के लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया है ताकि सभी दलों के साथ राय मशविरा लिया जा सके। 16 जनवरी 2022 को चुनाव आयोग RVM के काम करने के तरीकों के बारे में 8 राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों और 57 राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों को इस नई तकनीक के बारे में बताएगा। और इस दौरान चुनाव आयोग की टेक्निकल टीम के साथ एक्सपर्ट भी मौजूद रहेंगे।इस नई तकनीक को लेकर चुनाव आयोग ने 31 जनवरी तक अपनी अपनी राय देने को सभी राजनीतिक दलों को कहा है। सभी दलों द्वारा प्राप्त फीडबैक के बाद ही चुनाव आयोग कोई निर्णय पर पहुंचेगा।
क्यों पड़ रही है RVM की ज़रूरत?
दरअसल 2019 और इसके बाद हुए तमाम चुनाव में कई लोग अपने वोट का इस्तेमाल इसीलिए नही कर सके थे क्योंकि वो अपने शहर सेदूर अन्य शहरों में नौकरी कर रहे थे,चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में हुए चुनावो में 67.4% लोग ही वोट दे पाए थे,बाकी माइग्रेशन की वजह से वोट डालने नही आ पाए। 30 करोड़ लोगों की एक बड़ी संख्या अपने मत का प्रयोग करने से वंचित रह गयी थी,जिसका खामियाजा सीधे तौर पर राजनीतिक दलों को ही उठाना पड़ा। चुनाव आयोग द्वारा RVM की नई तकनीक को अगर सभी दलों का समर्थन मिलता है तो वो लोग भी वोट कर पाएंगे जो घर से दूर पढ़ाई या नौकरी करने किसी दूसरे शहर में रह रहे है। इस तरह वो लोग दूर रहकर भी अपने क्षेत्र अपने राज्य में नेता चुनने में भागीदारी निभा पाएंगे।